नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी सेल (SAIL) से जुड़ी दो अभ्यर्थी इस बार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफल हुई हैं। इन सफलता ने कंपनी के प्रचार में प्रयोग की जाने वाली लोकप्रिय टैगलाइन ‘हर किसी के जीवन से जुड़ा है सेल’ को चरितार्थ किया है।
सफल अभ्यर्थी संजीता महापात्रा और सिमी करण के जीवन से सेल ‘कुछ अधिक गहरे’ में जुड़ा हुआ है। सेल की पूर्व कर्मचारी व ओडिशा के राउरकेला की रहने वाली संजीता महापात्रा (29) ने यूपीएससी-2019 के सफल अभ्यर्थियों की सूची में 10वां स्थान हासिल किया है।
इसी तरह सेल के भिलाई संयंत्र में काम करने वाले एक कर्मचारी की पुत्री सिमी करण 31वें स्थान पर रही हैं। महापात्रा और करण दोनों का कहना है कि सबसे कठिन मानी जाने वाली इस परीक्षा में उनकी सफलता में सेल का बड़ा योगदान है। दोनों का कहना है कि सेल का उनके जीवन में ‘थोड़ा-बहुत नहीं, बल्कि बहुत’ योगदान है।
उन्होंने कहा कि सरकारी इस्पात कंपनी मुश्किल समय में उनके साथ खड़ी रही है। दोनों सफल अभ्यर्थियों ने पीटीआई से फोन पर बातें करते हुए कहा कि कंपनी के साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने बातचीत में यह भी बताया कि सेल ने उनके जीवन में क्या योगदान दिया है। दोनों ने भविष्य में सेल के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की।
केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी दोनों की सराहना करते हुए कहा कि यह इस्पात क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति के लिये गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि मैं उन दोनों के लिए जमीनी स्तर पर विकास और एक बेहतर व मजबूत भारत बनाने में सफल होने की कामना करता हूं।
सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि सेल परिवार प्रतिभा का भंडार है और पूरा सेल महापात्रा और करण की सफलता से बहुत उत्साहित है। उन्होंने कहा कि सेल परिवार शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति, सार्वजनिक प्रशासन आदि के क्षेत्र में प्रतिभाओं के पोषण के लिए दशकों से एक मंच प्रदान कर रहा है। हम न सिर्फ इस्पात बनाते हैं, बल्कि राष्ट्र के निर्माण के लिए मूल्यवान मानव संसाधनों को भी बढ़ावा देते हैं।
महापात्रा ने राउरकेला के चिन्मय विद्यालय से पढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में वित्तीय स्थिरता तब आयी, जब उन्हें सेल के राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में काम करने का अवसर मिला। यह उनकी पहली नौकरी थी। वे 22 साल की थीं, जब उन्होंने भुवनेश्वर के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीईटी) से इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद 2013 में सेल में जूनियर मैनेजर बनने के लिए परीक्षा दी थी।
उन्होंने कहा कि मैं यह कहूंगी कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे। पैसों का प्रबंध करना हमारे लिए एक चुनौती बना रहा। जब मैं सेल में शामिल हुई, तब मेरी समस्याएं कम होने लगीं। महापात्रा ने कहा कि मेरे पिता और मां ने मुझे और मेरी बड़ी बहन को शिक्षित बनाने के लिए हरसंभव कोशिश की। मेरे पिता और मां राउरकेला में अब खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सेल में, मुझे अपने सहयोगियों से अत्यधिक समर्थन मिला। सेल मेरे लिए एक परिवार की तरह है।
महापात्रा अभी मुंबई में अपने पति के साथ रहती हैं। उनके पति रिजर्व बैंक में प्रबंधक हैं। डीपीएस भिलाई से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने वाली करण ने कहा कि भिलाई स्टील टाउनशिप से उनकी बचपन की यादें जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि इन दिनों वे टाउनशिप के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा में जाने के लिए प्रेरित कर रही हैं और तैयारी आदि के संबंध में उनके सवालों को दूर कर रही हैं। करण ने कहा कि मेरा पूरा बचपन भिलाई टाउनशिन में बीता है। मैंने यहीं से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। मैं टाउनशिप के मैदान में खेला करती थी। मैं और मेरी छोटी बहन भिलाई क्लब में तैराकी सीखते थे। मेरे बचपन के ज्यादातर दोस्त यहीं रहते हैं, जिनके माता-पिता भी भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करते हैं।
करण ने आईआईटी-बॉम्बे से 2019 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता अर्जित की है। सेल के साथ अपने संबंध को लेकर उन्होंने कहा कि उनके पिता भिलाई इस्पात संयंत्र में वित्त विभाग में एक महाप्रबंधक हैं।
उन्होंने कहा कि सेल ने उन्हें 2017 में भिलाई इस्पात संयंत्र में इंटर्नशिप का अवसर भी प्रदान किया और उसी समय के दौरान उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने के बारे में सोचा। करण ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र में इंटर्नशिप करते समय सेल के एक अधिकारी ने उन्हें यूपीएससी की परीक्षा के लिए प्रेरित किया था। (भाषा)