'टीम इंडिया' पलटवार करने को बेताब

Webdunia
शुक्रवार, 24 अगस्त 2007 (10:19 IST)
इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे क्रिकेट मैच में खेल के हरेक विभाग में मात खाने वाली 'टीम इंडिया' शुक्रवार को यहाँ होने वाले दूसरे डे-नाइट वनडे मैच में अपनी तमाम नाकामियों को दूर करके श्रृंखला में बराबरी हासिल करने के इरादे से उतरेगी।

साउथ हैम्पटन में खेले गए पहले वनडे मैच में मिली 104 रन की भारी शिकस्त ने टेस्ट श्रृंखला में जीत से इतरा रही भारतीय टीम को जमीन पर ला पटकने का काम किया है।

सात वनडे मैचों की श्रृंखला में क्रिकेट विशेषज्ञ आमतौर पर इंग्लैंड को कमतर आँक रहे थे, लेकिन उसने खेल के हरेक विभाग में शानदार प्रदर्शन से उन्हें गलत साबित कर दिया।

भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती हार की निराशा को दूर करके नए उत्साह और रणनीति के साथ उतरने की होगी। कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा भी है कि श्रृंखला में बने रहने के लिए इस मैच को जीतना निहायत जरूरी है, लेकिन इसके लिए पूरी टीम को कमर कसनी होगी।

भारतीय टीम के लिए पिछला मैच बेहद निराशाजनक रहा था, जिसमें कुछ भी उसके पक्ष में नहीं रहा। द्रविड़ ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का जो फैसला किया, वह गेंदबाजों के निष्प्रभावी प्रदर्शन के कारण गलत साबित हुआ। उसके बाद बल्लेबाजों ने अपने गैर-पेशेवर रवैये से रही-सही कसर भी पूरी कर दी।

भारत के तीन बल्लेबाजों के रनआउट होने से कोढ़ में खाज जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। इस बात को द्रविड़ ने भी स्वीकार करते हुए कहा कि हमें विकेटों के बीच दौड़ते समय मूर्खों जैसी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए। हम ऐसी गलतियों से बच सकते हैं।

उन्होंने भारतीय टीम के क्षेत्ररक्षण में भी सुधार की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हालाँकि फील्डिंग में हम कभी भी बहुत मजबूत नहीं रहे हैं। हम रातोरात मजबूत हाथ और एथलीटों जैसे पैर नहीं बना सकते, लेकिन यह अब इतिहास की बात हो गई है।

वनडे क्रिकेट की खासियत ही यह है कि इसमें हरेक दिन अलग होता है और दिन विशेष पर बढ़िया प्रदर्शन करने वाली टीम ही जीत का स्वाद चखती है। दूसरे मैच में जीत की मंशा पूरी करने के लिए भारत को अपनी रणनीति और टीम संयोजन पर नए सिरे से विचार करना होगा।

भारत को अपनी गेंदबाजी, बल्लेबाजी, क्षेत्ररक्षण और विकेटों के बीच दौड़ में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इस मैच में युवा लेग स्पिनर पीयूष चावला की जगह ऑफ स्पिनर रमेश पोवार को मौका मिल सकता है। इसके अलावा बल्लेबाजी पंक्ति का सही संयोजन भी महत्वपूर्ण मसला है।

दूसरी तरफ गेंदबाजों को अपनी लाइन और लेंथ पर गौर करना होगा। जहीर खान और रुद्रप्रताप सिंह ने जहाँ एकरूप प्रदर्शन किया, वहीं अजीत अगरकर अपने सर्वश्रेष्ठ से काफी कमतर नजर आए।

दूसरी तरफ इंग्लैंड की टीम पहले मैच में मिली जीत से उत्साहित नजर आ रही है और वह इस मैच को भी जीतकर सात वनडे मैचों की श्रृंखला में 2-0 की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करना चाहेगी।

इंग्लैंड ने साउथैम्पटन मैच में कुछ भी गलत नहीं किया था। उसके कप्तान पॉल कॉलिंगवुड की चतुर रणनीति और धुरंधर हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटॉफ की मौजूदगी ने भारतीय टीम को पूरी तरह घेरकर रखा था। जहाँ तक टीम संयोजन का सवाल है, तो इंग्लैंड जीतने वाली टीम में कोई बदलाव नहीं करना चाहेगा।

इतना तो तय है कि दोनों ही टीमें इस मैच में जीत के लिए पूरा जोर लगा देंगी। भारतीय टीम श्रृंखला में बराबरी हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएगी और इंग्लैंड अपनी बढ़त को बढ़ाने की कोशिश में होगा।

मैच के लिए दोनों टीमें इन खिलाड़ियों में से चुनी जाएँगी : भारत : राहुल द्रविड़ (कप्तान), गौतम गंभीर, सौरव गांगुली, सचिन तेंडुलकर, युवराजसिंह, दिनेश कार्तिक, एमएस धोनी, रमेश पोवार, जहीर खान, अजीत आगरकर, आरपी सिंह, एस. श्रीसंत, पीयूष चावला, राबिन उथप्पा, मुनाफ पटेल और रोहित शर्मा।

इंग्लैंड : पॉल कॉलिंगवुड (कप्तान), जेम्स एंडरसन, इयान बेल, रवि बोपारा, क्रिस ब्राड, एलिएस्टर कुक, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, दिमित्री मैस्करेंहास, मोंटी पानेसर, केविन पीटरसन, मैट प्रायर, ओवैस शाह, रेयान साइडबाटम और क्रिस ट्रेमलेट।

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