धोनी का ईडन गार्डन्स्स में होगा 'टेस्ट'

Webdunia
रविवार, 2 दिसंबर 2012 (18:14 IST)
FILE
टर्निंग पिचें मांगकर हार और विवादों से गुजर रहे भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के लिए पांच दिसंबर से यहां के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाला तीसरा मैच 'एसिड टेस्ट' साबित होगा।

भारत ने अहमदाबाद में पहला टेस्ट जीता लेकिन मुंबंई में टर्निंग पिच मांगने के बावजूद दूसरा टेस्ट साढ़ े तीन दिन अंदर गंवाकर इंग्लैंड को सिरीज में बराबरी करने का मौका दे दिया। धोनी ने ईडन गार्डन्स में तीसरे टेस्ट के लिए भी टर्निंग पिच की मांग की जिसे लेकर ईडन के क्यूरेटर प्रबीर मुखर्जी के साथ अच्छा खासा बखेडा खड़ा हो गया।

भारतीय टीम और कप्तान इस समय अपने प्रदर्शन से ज्यादा अन्य बातों को लेकर चर्चा में दिखाई दे रहे हैं। मुद्दा चाहे टीम चयन को हो या फिर पिच का, धोनी का हर जगह पूरा दखल दिखाई दे रहा है। टेस्ट शुरू होने में अब तीन दिन बाकी हैं और धोनी की कड़ ी परीक्षा के लिए उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। टीम इंडिया को अब हर हाल में जीत की जररत है वरना धोनी के लिए हालात को संभावना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

धोनी को कप्तानी में बेहतर रणनीति और अपने बल्ले की धार तेजकर ईडन गार्डन्स में उतरना होगा। मुंबई में जिस तरह दोनों पारियों में भारत के शीर्ष बल्लेबाजों का जुलूस निकला उसमें कहीं न कहीं कप्तान धोनी की भी भागीदारी बनती है, जो दोनों पारियो में 29 और छह रन ही बना पाए।

धोनी बल्लेबाजी क्रम में सातवें नंबर पर उतरते हैं और उन पर यह जिम्मेदारी भी रहती है कि वह संकट के समय विकेट पर टिककर कुछ उपयोगी रन बनाएं और दूसरे छोर के बल्लेबाज के साथ साझेदारी निभाने की कोशिश करें। लेकिन वह अपनी इस भूमिका को निभाने में नाकामयाब रहे हैं।

भारतीय कप्तान ने 7। टेस्टों में 37.69 के औसत से 3732 रन बनाए हैं जिनमें पांच शतक और 26 अर्द्धशतक शामिल हैं। धोनी के बल्ले से आखिरी शतक नवंबर 2011 में कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ निकला था जब उन्होंने आठवें नंबर पर उतरने के बावजूद 144 रन बनाए थे। कोलकाता का ईडन गार्डन्स एक वर्ष बाद फिर उनके लिए यादगार बन सकता है।

इस शतक के बाद धोनी ने पिछली 14 पारियों में सिर्फ तीन अर्द्धशतक बनाए हैं। इस दौरान वह छह बार तो दहाई की संख्या में भी नहीं पहुंच पाए। न्यूजीलैंड के खिलाफ् अगस्त में पिछली सिरीज में धोनी का प्रदर्शन जरूर अच्छा रहा था जब उन्होंने 73.62 और नाबाद 48 रन की पारियां खेली थी लेकिन इस सिरीज से पहले और इस सिरीज के बाद वह बल्ले से खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं।

धोनी के इंग्लैंड के खिलाफ सिरीज में टर्निंग पिचें मांगने की पूर्व भारतीय खिलाड़ियों ने ही नहीं पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने भी आलोचना की है। हालांकि कप्तान के घरेलू मैचों में इस तरह की मांग करने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह तब तक है जब तक टीम जीतती है। ऐसी पिच पर हारने के बाद तो आलोचनाओं का त ूफा न ही खड़ा हो जाता है जैसा मुंबई टेस्ट के बाद हुआ है।

किसी समय अपने गोल्डन टच के लिए मशहूर धोनी के लिए गत वर्ष भारत को विश्व चैंपियन बनाने के बाद से समय अच्छा नहीं चल रहा है। इंग्लैंड में 0-4 की हार के बाद वह टेस्ट रैंकिंग की बादशाहत खो बैठे। ऑस्ट्रेलिया में 0-4 की हार के साथ त्रिकोणीय एकदिवसीय सिरीजमें भी अपना खिताब नहीं बचा पाए।

एशिया कप के फाइनल में नहीं पहुंच सके। वह आईपीएल में अपनी चेन्नई सुपर किंग्स टीम के खिताब का बचाव नहीं कर पाए। चैंपिंयन्स लीग में भी उनकी टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।

धोनी ने इस दौरान श्रीलंका में एकदिवसीय सिरीजऔर अगस्त में न्यूजीलैंड से घरेलू टेस्ट सिरीजजीती लेकिन टवंटी 20 विश्वकप में टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई। इंग्लैंड ने मुंबई टेस्ट जीतकर भारत के जख्मों को गहरा किया है और अब धोनी पर यह जिम्मेदारी बनती है कि वह कोलकाता में तीसरे टेस्ट में प्रेरणादायी प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाएं। (वार्ता)

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?