विज्डन के संपादक को हाथापाई की आशंका

Webdunia
गुरुवार, 10 अप्रैल 2008 (16:54 IST)
विज्डन-2008 पत्रिका के संपादक स्किल्ड बेरी ने आशंका जताई है कि क्रिकेट मैदान पर बढ़ रहे विवाद आने वाले समय में हाथापाई की शक्ल ले सकते हैं, लिहाजा आईसीसी को चाहिए कि दोषी खिलाड़ियों पर लगाम कसे।

क्रिकेट की बाइबल कही जाने वाली पत्रिका का पहली बार संपादन कर रहे बेरी ने कुछ घटनाओं को बयाँ किया है, जिनमें उनके अनुसार क्रिकेट का नाम खराब हुआ है और इसमें सिडनी में हुआ नस्लीय विवाद भी शामिल हैं।

बेरी के मुताबिक भारतीयों खिलाड़ियों से संबंधित दो विवाद भी इसी कड़ी में आते हैं। उन्होंने विज्डन संपादकीय में लिखा कि मुझे डर है कि वह दिन भी जल्द ही आ जाएगा, जब टीवी पर आने वाले क्रिकेट मैच के दौरान आपको मैदानी हाथापाई देखने को मिलेगी। इससे ज्यादा खतरनाक और कुछ नहीं हो सकता।

बेरी ने कहा कि पिछले साल भारत के इंग्लैंड दौरे पर ट्रेंट ब्रिज में हुए टेस्ट में जब भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान को क्रीज पर 'जेलीबीन' मिली तो उन्होंने केविन पीटरसन की ओर बल्ले से इशारा किया। यह एक ऐसी ही घटना थी।

बेरी ने कहा ‍कि इसके बाद दूसरी घटना इस साल में सिडनी में हुई। जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट खेला जा रहा था। इसमें इतनी अंपायरिंग गलतियाँ खिलाड़ियों का दुर्व्यवहार और नफरत ज्यादातर एंड्रयू साइमंड्स और हरभजनसिंह के बीच लिप्त थी कि खेल हाशिये पर चला गया।

उन्होंने कहा इस बीच भारत ने दौरा रद्द करने की धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा कि अगर हरभजन को नस्लीय विवाद में नहीं छोड़ा गया तो वह ऐसा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा इसी दौरान विश्व के सबसे अनुभवी टेस्ट अंपायर स्टीव बकनर को भी पर्थ टेस्ट से हटा दिया गया। बेरी ने पिछले साल ऐजबेस्टन में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के वेस्टइंडीज के बल्लेबाज रूनाको मोर्टन के साथ हुई कंधे की भिड़ंत का भी उदाहरण दिया।

लेकिन बेरी अनुसार सबसे खराब उदाहरण पिछले साल कानपुर में वनडे के दौरान दिखा, जिसमें भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर पिच पर सीधे पाकिस्तान के ऑल राउंडर शाहिद अफरीदी की ओर भागे थे। उन्होंने कहा कि खेल की प्रतिष्ठा को बचाने का काम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का है।

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