सचिन भी हुए हैं साजिश का शिकार

Webdunia
बुधवार, 18 अगस्त 2010 (08:31 IST)
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वीरेंद्र सहवाग को शतक से वंचित करने वाले श्रीलंका ने पिछले साल सचिन तेंडुलकर के खिलाफ भी इसी तरह की सा‍जिश का रवैया अपनाया था और तब तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने भारत को वाइड गेंद से जीत दिलाकर मास्टर ब्लास्टर को सैकड़ा पूरा नहीं करने दिया था।

सहवाग ने कल दाम्बुला में 105 रन बनाए लेकिन फिर भी उनके नाम पर शतक दर्ज नहीं हो पाया क्योंकि श्रीलंकाई स्पिनर सूरज रणदीव की जिस गेंद पर उन्होंने छक्का जड़कर शतक का जश्न मनाना शुरू किया था, वह नोबॉल निकल गई और इस तरह से सहवाग 99 रन पर नाबाद रह गए।

बाद में यह साफ हो गया कि रणदीव ने जानबूझकर नोबॉल की थी। उन्होंने इसके लिए सहवाग से माफी भी माँग ली है लेकिन यह पहला वाकया नहीं है जबकि श्रीलंकाई टीम ने इस तरह की हरकत की है। पिछले साल 21 दिसंबर को कटक में खेले गए तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान भारतीय टीम जब 240 रन के लक्ष्य का पीछा करने के लिए उतरी थी तो तब मलिंगा ने पाँच वाइड करके तेंडुलकर को शतक पूरा नहीं करने दिया था।

यह मैच का 43वाँ ओवर था और भारत को जीत के लिए 7 और तेंडुलकर को शतक के लिए 9 रन चाहिए थे। स्ट्राइक तेंडुलकर के पास थी और लग रहा था कि वह सैकड़ा पूरा कर लेंगे। मलिंगा के इस ओवर की पहली गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर चार रन के लिए चली गई। दूसरी गेंद पर उन्होंने एक रन लिया, जिससे दिनेश कार्तिक के पास स्ट्राइक आ गई।

मलिंगा ने ऐसे में चौथी गेंद काफी बाहर फेंकी जिसे अंपायर ने वाइड दिया। किसी क्षेत्ररक्षक ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की और वह दनदनाती हुई सीमा रेखा पार चली गई। इस तरह से भारत को पाँच वाइड मिले और वह जीत गया।

तेंडुलकर ने हालाँकि तब कोई शिकायत नहीं की थी लेकिन सहवाग ने इसे श्रीलंका की साजिश माना। सहवाग से पहले वैसे नौ अन्य खिलाड़ी भी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 99 रन पर नाबाद रह चुके हैं। इनमें से सहवाग के अलावा तीन अन्य खिलाड़ी वेस्टइंडीज के रिची रिचर्डसन, जिम्बाब्वे के एलिस्टेयर कैंपबेल और ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हाज भी लक्ष्य पूरा होने के कारण शतक पूरा नहीं कर पाए।

सबसे पहले न्यूजीलैंड के ब्रूस एडगर 1981 में भारत के खिलाफ ऑकलैंड में ओवर पूरे होने के कारण 99 रन पर नाबाद रहे थे। ऑस्ट्रेलिया के डीन जोन्स भी 1985 में ओवल में श्रीलंका के खिलाफ ओवर खत्म होने के कारण एक रन से शतक से चूक गये थे जबकि उसी वर्ष शारजाह में पाकिस्तान के खिलाफ रिचर्डसन जब 99 पर थे तब वेस्टइंडीज ने लक्ष्य हासिल कर लिया था।

जिम्बाब्वे के एंडी फ्लावर 1999 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरारे में ओवर पूरे होने के कारण 99 रन पर नाबाद रहकर पैवेलियन लौटे तो उन्हीं के देश कैंपबेल 2000 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बुलावायो में सहवाग की तरह सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरकर 99 रन पर नाबाद रहे थे। जिम्बाब्वे ने तब लक्ष्य हासिल कर लिया था।

पाकिस्तान के मोहम्मद यूसुफ 2007 में भारत के खिलाफ ग्वालियर में ओवर पूरे होने के कारण 99 रन पर नाबाद रहकर पैवेलियन लौटे थे। वह पारी के अंतिम ओवर में आरपी सिंह पर छक्का जड़कर 97 रन पर पहुँचे थे। अभी एक गेंद बाकी थी लेकिन उस पर वह दो रन ही ले पाए थे।

सहवाग इस साल 99 रन पर नाबाद रहने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले 30 जून को ऑस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में अपने साथी खिलाड़ी स्टीवन स्मिथ के कारण शतक पूरा नहीं कर पाए थे।

क्लार्क को पारी के अंतिम ओवर में शतक पूरा करने के लिए दो रन चाहिए थे। उन्होंने टिम ब्रेसनन की पहली गेंद पर एक रन लिया लेकिन इसके बाद स्मिथ ने उनके पास स्ट्राइक ही नहीं आने दी। स्मिथ ने इस बीच दो चौके जमाए और एक गेंद पर दो रन लिए थे।
( भाषा)

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