बेंगलुरु:पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा है कि दिल्ली कैपिटल्स का ऋषभ पंत को कप्तान बनाए रखने का फैसला आदर्श नहीं है।
चोपड़ा ने एक बयान में कहा, “ ऋषभ पंत कप्तान हैं। यह ठीक है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे यह निर्णय पसंद नहीं आया। आप एक कप्तान का फैसला करते हैं, उसे नियुक्त करते हैं, वह आपके साथ 2-3 साल तक रहता है, टीम को फाइनल में ले जाता है। इस बीच वह घायल हो जाता है और फिर आप एक स्टैंड-इन कप्तान लाते हैं और बाद में आप कहते हैं कि चलो स्टैंड-इन के साथ ही रहते हैं। ”
चोपड़ा ने हालांकि भरोसा जताया है कि दिल्ली कैपिटल्स टीम अंतिम चार में पहुंच जाएगी, क्योंकि उसे बचे हुए चार मैचों में से सिर्फ दो मैच जीतने हैं। उन्होंने कहा, “ संयुक्त अरब अमीरात में अपने पिछले आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स का प्रदर्शन शानदार रहा था। वह क्वालीफाई करने वाली पहली टीमों में से एक थी। बेशक वह चार बार मुंबई इंडियंस से हारे, लेकिन फाइनल में पहुंचे जो उनका सबसे अच्छा सीजन था। ”
समझा जाता है कि कप्तान चुनने के फैसले ने दिल्ली कैपिटल्स को कशमकश में डाल दिया था और अंत में पंत को कप्तान के रूप में जारी रखने का फैसला लिया गया, क्योंकि उन्होंने कोरोना के कारण टूर्नामेंट के स्थगित होने से पहले टीम को शीर्ष स्थान पर पहुंचाया था। उल्लेखनीय है कि दिल्ली कैपिटल्स ने गुरुवार को पंत को शेष आईपीएल 2021 सत्र के लिए कप्तान घोषित किया था।
पंत को आईपीएल 2021 के पहले चरण के दौरान कप्तान बनाया गया था, जब नियमित कप्तान श्रेयस अय्यर चोट लगने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। श्रेयस हालांकि अब ठीक हो गए हैं और आईपीएल के दूसरे चरण में खेलने के लिए टीम में लौट आए हैं।
कोच रिकी पोटिंग ने पहले ही कहा था कि यूएई में यह जरूरी था कि टीम नई शुरुआत करे। उन्होंने कहा था, "यह मायने नहीं रखता है कि पहले दौर में हमने क्या किया। हमें अच्छा क्रिकेट खेले हुए अब चार महीने हो गए हैं, हमें दोबारा से शुरुआत करनी होगी।"
पोंटिंग ने कहा, "अय्यर का वापस आना टीम के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है। उनका एटि्टयूड अलग किस्म का है। मैंने उनसे बात की है और उसकी ट्रेनिंग भी अच्छी रही है। वह मैदान पर वापसी को लेकर उत्सुक है, वह रन बनाना चाहता है और मैच जिताना चाहता है। वह विश्व स्तरीय खिलाड़ी है और उनका हमारी टीम से जुड़ना वाकई बहुत अच्छा है।"
अय्यर ने आईपीएल 2018 के मध्य में कप्तानी संभाली थी, जब गौतम गंभीर टूर्नामेंट के बीच में ही कप्तानी से हट गए थे। इसके बाद पंत और अय्यर दोनों ही कप्तानी के दावेदार थे। अय्यर ने टीम की कप्तानी की और 2019 में प्लेऑफ़ तो 2020 के फ़ाइनल में टीम को पहुंचाया, जहां उन्हें मुंबई इंडियंस के हाथों शिकस्त मिली थी। खुद अय्यर भी 2020 में रन बनाने के मामले में चौथे नंबर पर थे।
इसके बाद जब पंत को कप्तानी मिली तो वह भी अय्यर की ही तरह 23 वर्ष के थे। वह विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, सुरेश रैना और अय्यर के बाद आईपीएल के पांचवें सबसे युवा कप्तान बने थे।(वार्ता)