मिसाइल तकनीक से होगी अब गेंदबाजी

Webdunia
शुक्रवार, 27 मई 2016 (15:29 IST)
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट में कई नई तकनीक ईजाद की हैं, जिसे बाद में दुनिया भर में अपनाया गया। अब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट अपने गेंदबाजों के लिए नई तकनीक लेकर आया है। टारपेडो तकनीक का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलियाई टीम के आगामी श्रीलंकाई दौरे की तैयारियों में किया जा रहा है। यह भी उम्मीद है कि इस तकनीक की मदद से ऑस्ट्रेलिया 2017 में एक बार फिर एशेज पर कब्जा कर सकेगा। 
 
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज श्रीलंकाई दौरे के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और टारपेडो तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं जो आम तौर पर मिलेट्री ट्रेनिंग में प्रयोग की जाती है। 
 
शोधकर्ताओं ने खिलाडिय़ों के लिए एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक विकसित की है जो पनडुब्बियों और मिसाइल को दिशा दिखाने में इस्तेमाल की जाती है। इससे तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन में तो सुधार होगा ही साथ ही उनके चोटिल होने की आशंका भी कम होगी। 
 
यह तकनीक ऑस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एक्सरसाइज साइंस के खेल वैज्ञानिकों ने तैयार की है। इस तकनीक का मकसद प्रोफेशनल क्रिकेटरों के मौजूदा वर्कलोड की कमी को दूर करना है। इस तकनीक में सिर्फ इस बात का ख्याल रखा जाता है कि कोई गेंदबाज कितनी गेंदें फेंक रहा है, न कि इस बात कि इसे फेंकने में उसे कितनी ताकत और मेहनत की जरूरत होती है। इस पुरानी तकनीक के स्थान पर वैज्ञानिक नई तकनीक इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यही तकनीक पनडुब्बियों, मिसाइलों और स्पेसक्रॉफ्ट को रास्ता दिखाने में इस्तेमाल होती है।
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