बांग्लादेश के अनुभवी ऑलराउंडर शाकिब पर से हटा प्रतिबंध, फिटनेस टेस्ट में लेंगे भाग

Webdunia
गुरुवार, 5 नवंबर 2020 (17:56 IST)
ढाका। बांग्लादेश (Bangladesh) के अनुभवी ऑलराउंडर खिलाड़ी शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) पर सट्टेबाजों द्वारा उनसे संपर्क करने की जानकारी नहीं देने के कारण लगाया गया 1 साल का प्रतिबंध (Ban) हट गया है और वह आगामी फिटनेस टेस्ट में भी लेंगे।
 
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने भी शाकिब पर से प्रतिबंध हटने के बाद बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि शाकिब 9 नवंबर को होने वाले फिटनेस टेस्ट में भाग लेंगे ताकि बांग्लादेश के आगामी दौरे के लिए अपने आपको योग्य साबित कर सके।
 
शाकिब ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा लगाए गए के 1 वर्ष के प्रतिबंध को लेकर कहा कि इस प्रतिबंध ने जीवन के प्रति उनकी धारणाओं को बदल दिया है और उन्हें उस समय के लिए पछतावा नहीं है जो उन्हें क्रिकेट से दूर बिताना पड़ा।
 
शाकिब पर 1 साल के प्रतिबंध की अवधि पूरी हो गई है और वह 29 अक्टूबर से वापस क्रिकेट खेलने के लिए योग्य हो गए हैं। शाकिब ने अपने यूट्यूब चैनल पर सवाल-जवाब के दौरान कहा, 'मुझे लगता है कि प्रतिबंध से मुझे मदद मिली है और सकारात्मक दिशा में सहायता मिली है। इस दौरान मेरे लिए कई दरवाजे खुल गए थे और मैं जिंदगी के बारे में दूसरे तरीके से सोच सकता हूं। मुझे इस एक वर्ष के लिए पछतावा नहीं हैं।'

उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि मुझे हिम्मत कहां से मिली लेकिन जब प्रतिबंध की खबर मिली तो मैं पूरी तरह से दंग रह गया था और तब भी मुझे यही लगा कि जीवन ने मुझे दूसरा मौका दिया हैं। मेरे पास खुद को तैयार करने के लिए एक साल है और जब मैं वापस आऊंगा तो मुझे फिर से साबित करने की जरूरत है।
 
ऑलराउंडर ने कहा कि उनके खिलाफ मामले के दौरान जांच का दौर उनके करियर का सबसे डरावना समय था। शाकिब पर दरअसल आईसीसी की प्रतिबंध से पहले से ही पैनी नजर थी और उन्हें पता था कि उन तक बात पहुंच सकती है।
 
उन्होंने कहा, विश्व कप के दौरान प्रदर्शन करना बेहद चुनौती भरा था क्योंकि आईसीसी की भ्रष्टाचार विरोधी और सुरक्षा इकाई मुझसे लगातार सवाल कर रही थी और वो मेरे लिए बड़ी असहज स्थिति थी। रात को बेड पर सोने से पहले अच्छा नहीं लगता था। मुझे लग रहा था कि कुछ होगा और कभी-कभी मुझे लगता था कि कुछ नहीं होगा। जब मैं जांच से गुजर रहा था, वो समय बिलकुल भी अच्छा नहीं था।
 
बीसीबी ने दरअसल फैसला किया कि नवंबर-दिसंबर में आयोजित होने वाले टी 20 टूर्नामेंट के लिए संभावित खिलाड़ियों की सूची में चुने गए खिलाड़ियों को प्रतियोगिता के लिए एक अनिवार्य फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा।

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