नई दिल्ली। बीसीसीआई ने भारतीय टीम के प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रमण्यम को कैरेबियाई सरजमीं में भारतीय उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारियों से दुर्व्यवहार के कारण बुधवार को वेस्टइंडीज दौरे के बीच से वापस बुला लिया।
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सुब्रमण्यम को मुंबई में बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के समक्ष पेश होना होगा और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के वरिष्ठ अधिकारी से इस दुर्व्यवहार का जवाब देना होगा। आईएफएस अधिकारी ने ‘जल सरंक्षण’ को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ियों के साथ एक वीडियो शूट के सरकार के अनुरोध के लिए संपर्क किया था।
बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भारतीय टीम की ‘जल सरंक्षण’ परियोजना के लिए काफी लंबी शूटिंग थी और उन्हें इसकी देखरेख करनी थी। इस शूटिंग के समाप्त होने पर उन्हें एक ईमेल भेजा गया जिसमें उन्हें पहली फ्लाइट लेकर वापस लौटने को कहा गया।'
पूरी नहीं हुई थी नींद, तनाव में कर दी यह गलती : तमिलनाडु के पूर्व स्पिनर ने गयाना और त्रिनिदाद एंव टोबैगो में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार के लिए बिना शर्त माफी की पेशकश की। लेकिन इस घटना से उनका राष्ट्रीय टीम के साथ यह पद गंवाना निश्चित है।
पता चला है कि सुब्रमण्यम ने अपने दुर्व्यवहार के लिए तनाव को जिम्मेदार बताया। उन्होंने अपने माफीनामे में कहा कि उनकी नींद पूरी नहीं हुई थी और वह तनाव में थे जिससे वह इस तरह का व्यवहार कर बैठे। उन्होंने बिना शर्त माफी मांग ली है।
महंगी पड़ी भारत उच्चायोग के अधिकारी से बदसलूकी : सुब्रमण्यम (52 वर्ष) पर आरोप था कि वह वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के फोन की लगातार अनदेखी कर रहे थे। फिर उन्होंने बीसीसीआई अधिकारियों के फोन भी नहीं उठाये।
इस वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय उच्चायोग के बहुत वरिष्ठ व्यक्ति ने उनसे सहयोग की मांग की तो उन्होंने उनसे कहा कि मुझे बार-बार संदेश मत भेजो। बीसीसीआई को पता चला कि उन्होंने उनके फोन भी नहीं उठाये जबकि वे सरकार के निर्देश का पालन कर रहे थे।
क्या फिर मिलेगा मौका : यह देखना दिलचस्प होगा कि सुब्रमण्यम को प्रशासनिक प्रबंधक के साक्षात्कार के लिए पेश होने का मौका मिलेगा या नहीं, जिन्हें छंटनी के बाद इसके लिए चुना गया था।