नई दिल्ली। मानार्थ टिकटों को लेकर कई राज्य इकाइयों की तरफ से चिंता जताए जाने के बाद बीसीसीआई अपने मान्यता प्राप्त संघों को शांत करने के लिए मुफ्त पास की संख्या में बढ़ोतरी कर सकता है। प्रशासकों की समिति (सीओए) की यहां शनिवार को बैठक होगी जिसमें इसका समाधान निकाला जा सकता है। यह पता चला है कि इसका एक जैसा समाधान नहीं निकल सकता है, क्योंकि ईडन गार्डन्स, चेपक व वानखेड़े स्टेडियम प्रत्येक की क्षमता भिन्न-भिन्न है।
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि प्रशासकों की समिति की शनिवार को राजधानी में बैठक होगी। इसका एजेंडा मानार्थ पास के मसले को सुलझाना है। उच्चतम न्यायालय ने जिस नए संविधान को मंजूरी दी है उसके अनुसार 90 प्रतिशत टिकट आम जनता के लिए रखे जाने चाहिए। लेकिन इसको लेकर गंभीर व्यावहारिक मसला पैदा हो गया है और हमें तुरंत इसका समाधान ढूंढना होगा।
भारत और विंडीज के बीच 24 अक्टूबर को होने वाले दूसरे वनडे की मेजबानी इंदौर के बजाय विशाखापट्टनम को सौंपी गई, क्योंकि मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ ने केवल 5 प्रतिशत पास मिलने पर मेजबानी करने में असमर्थता जताई थी। तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने भी मेजबानी से हटने की धमकी दी है। बंगाल क्रिकेट संघ भी नाखुश है, क्योंकि पहले उसे 40 प्रतिशत टिकट मिलते थे। (भाषा)