कोलकाता: भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक चाहते हैं कि उनके आक्रामक खिलाड़ियों को करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री के बिना खेलने की आदत डालना सीखना होगा और साथ ही गोल भी करने होंगे।
छेत्री 37 साल के हैं और अपने करियर के अंतिम पड़ाव में हैं लेकिन भारत अब भी उन पर ही निर्भर रहता है जिनके दो गोल की मदद से टीम ने बुधवार को यहां कंबोडिया पर जीत दर्ज कर एशियाई कप क्वालीफायर अभियान शुरू किया।सुनील छेत्री ने एक पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में तब्दील किया और फिर एक शानदार हेडर से टीम के लिए दूसरा गोल किया।
स्टिमक ने कहा कि अब समय आ गया है जब खिलाड़ी जैसे उदांता सिंह, मनवीर सिंह, आशिक कुरूनियान, सहल अब्दुल समद और लिस्टन कोलासो को गोल करना शुरू करना होगा।
स्टिमक ने मैच के बाद कहा, फिर सुनील ने गोल किये। अन्य ने भी गोल करने की कोशिश की लेकिन वे तरीका नहीं निकाल सके। इसलिये मैं उम्मीद करता हूं कि लिस्टन, मनवीर, उदांता, आशिक और सहल गोल करें। उन्होंने कहा, इन सभी को गोल करना शुरू करना होगा। हमें सीखना शुरू करना होगा। बिलकुल सरल बात है - खिलाड़ियों को सुनील के बिना खेलना सीखना शुरू करने की जरूरत है।
स्टिमक ने कहा कि उदांता और आशिक अग्रिम पंक्ति में टीम के दो मुख्य हथियार हैं।उन्होंने कहा, क्लब में वो भले ही कैसा भी खेलते हों, लेकिन मैं उन्हें यहां तेजी से खेलते हुए देखना चाहूंगा जिससे वे प्रतिद्वंद्वी को नुकसान पहुंचा सकें जो इसलिये मजबूत होते हैं क्योंकि हमारे पास चुनने के लिये खिलाड़ियों का बड़ा पूल नहीं है।
भारतीय कप्तान छेत्री ने कहा कि टीम के आक्रामक खेल दिखाने वाले खिलाड़ी कम रैंकिंग वाली कंबोडिया पर जीत में बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।छेत्री के दो गोल से टीम जीत दर्ज करने में सफल रही और इसकी बदौलत ग्रुप डी में गोल अंतर के मामले में हांगकांग से ऊपर पहुंच गयी।
उन्होंने मैच के बाद कहा, यह अच्छा लगता है, मुझे खुशी है कि हमारे खिलाफ गोल नहीं हुआ। काफी सारी चीजें हैं जिनमें हम बेहतर कर सकते थे। मैं सख्त नहीं होना चाहता लेकिन ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिसमें हम बेहतर कर सकते थे।