3 अप्रैल 2016 को वेस्टइंडीज पहली टीम बनी जिसने दूसरी बार टी-20 विश्वकप अपने नाम किया। इससे पहले साल 2012 में श्रीलंका को हराकर इंडीज ने पहली बार टी-20 विश्वकप जीता था। यह दिन इंडीज के लिए और खास बन गया क्योंकि इस ही दिन वेस्टइंडीज की महिला टीम भी पहली बार टी-20 विश्वकप जीती।
कोलकाता के इडन गार्डन में खेले जाने वाले इस मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। इस नतीजे से वह भारत को मुंबई में सेमीफाइनल में मात देकर पहुंची थी।
इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही और दोनों सलामी बल्लेबाज सस्ते में निपट गए। सेमीफाइनल में विस्फोटक अर्धशतक बनाने वाले जैसन रॉय खाता खोले बिना दूसरी ही गेंद पर बोल्ड हो गए। लेग स्पिनर सैमुअल बद्री ने रॉय को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। एलेक्स हेल्स मात्र एक रन बनाकर दूसरे ओवर में आउट हो गए। हेल्स को आंद्रे रसेल ने ब्रदी के हाथों कैच कराया। बद्री ने पांचवें ओवर में इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन (5) को भी चलता कर दिया।
पांचवें ओवर तक इंग्लैंड ने 23 रन पर अपने तीन विकेट गंवा दिए थे। लेकिन रूट और बटलर ने चौथे विकेट लिए 61 रन जोड़कर टीम को कुछ हद तक संभाल लिया। यह जोड़ी खतरनाक साबित होती कि मध्यम तेज गेंदबाज कार्लोस ब्रैथवेट ने बटलर को 12वें ओवर में आउट कर दिया। इंग्लैंड का चौथा विकेट 84 के स्कोर पर गिरा।
बेन स्टोक्स 13 रन बनाकर 110 के स्कोर पर आउट हुए जबकि मोईन अली खाता खोले बिना इसी ओवर में निपट गए। ड्वेन ब्रावो ने 14वें ओवर में इन दोनों के विकेट झटके। अर्धशतक बना चुके रूट का विकेट 15 ओवर की पहली गेंद पर गिर गया। ब्रैथवेट ने रूट को आउट किया। विली ने कुछ जोरदार शॉट खेलते हुए 21 और क्रिस जॉर्डन ने नाबाद 12 रन बनाकर अपनी टीम को 155 के लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचा दिया।
ब्रैथवेट ने चार ओवर में मात्र 23 रन देकर तीन विकेट और ड्वेन ब्रावो ने चार ओवर में 37 रन देकर तीन विकेट झटके। इसके अलावा सैमुअल बद्री ने चार ओवर में एक मैडन रखते हुए 16 रन देकर दो विकेट लिए जबकि आंद्रे रसेल ने चार ओवर में 21 रन देकर एक विकेट लिया।
वेस्टइंडीज को मिला 156 रनों का लक्ष्य
वेस्टइंडीज जब बल्लेबाजी करने उतरी तो इयोन मोर्गन ने एक शुरुआती जुआ खेला जो सफल साबित हुआ। पहले पॉवरप्ले में ही पार्ट टाइम स्पिनर जो रूट को गेंद थमा दी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की खराब शुरुआत रही और उसने 11 रन तक तीन विकेट गंवा दिए। जॉनसन चार्ल्स 1और क्रिस गेल 4 रन बनाकर जो रूट के दूसरे ओवर में ही आउट हो गए। सेमीफाइनल के हीरो रहे लेंडल सिमंस खाता खोले बिना डेविड विली का शिकार बने।
इसके बाद सैमुअल्स ने एक छोर संभालकर खेलना जारी रखा लेकिन इस दौरान आवश्यक रन रेट बढ़ती रही। ड्वेन ब्रावो जब 25 रन बनाकर आउट हुए तो वेस्टइंडीज लगातार विकेट गंवाती रही। ब्रावो के बाद आंद्रे रसेल 1 और कप्तान डैरेन सैमी 2 रन बनाकर आउट हो गए। वेस्टइंडीज के छह विकेट 107 रन पर गिर चुके थे।
अंतिम ओवर में ब्रेथवेट ने बेन की गेंदो पर जड़े 4 छक्के
वेस्टइंडीज को जीत के लिए आखिरी छह गेंदों पर 19 रन की जरूरत थी और यह काम मुश्किल दिखाई दे रहा था लेकिन कार्लोस ब्रैथवेट ने आखिरी ओवर में जो करिश्मा किया, वह क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद किया जाएगा।
स्टोक्स की पहली गेंद पर ब्रैथवेट ने डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर छक्का जड़ दिया। अब आंकड़ा 13 रन आ चुका था। अगली गेंद पर ब्रैथवेट ने लांग ऑन के ऊपर छक्का मार दिया। अब आंकड़ा सात रन आ गया। इंग्लैंड की टीम और उनके समर्थक हतप्रभ थे कि अचानक यह क्या हो गया। दो छक्के पड़ने पर स्टोक्स के चेहरे से जैसे हवाइयां उड़ने लगीं।
तीसरी गेंद पर ब्रैथवेट का शॉट लांग ऑफ सीमा रेखा के ऊपर से निकल गया। स्कोर अब बराबर हो चुका था और टीम को जीत के लिए एक रन चाहिए था। वेस्टइंडीज की पूरी टीम सीमा रेखा पर खड़ी हो गई थी। चौथी गेंद पर एक और जबर्दस्त छक्का पड़ा और विश्व खिताब वेस्टइंडीज की झोली में आ गया। वेस्टइंडीज के सारे खिलाड़ी मैदान में दौड़ पड़े और उन्होंने सैमुअल्स और ब्रैथवेट को गले लगा लिया।
वेस्टइंडीज की इस जीत के नायक रहे मार्लन सैमुअल्स, जिन्होंने 66 गेंदों में 9 चौकों और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 85 रन की अपनी सर्वश्रेष्ठ और टी-20 विश्व कप फाइनल की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली।
दूसरी तरफ ब्रैथवेट ने दस गेंदों पर नाबाद 34 रन में एक चौका और अंतिम ओवरों में 4 छक्के उड़ाए।दोनों ने 4.1 ओवर में सातवें विकेट के लिए 54 रन की खिताब जिताने वाली अविजित साझेदारी की। शुरुआती झटके देने वाले रूट को कप्तान मॉर्गन ने सिर्फ एक ही ओवर दिया। विली ने 20 रन पर तीन विकेट और आदिल राशिद ने 23 रन पर एक विकेट लिया।