चैंपियंस ट्रॉफी 2017 : पाकिस्तान ने भारत से छीना ताज

Webdunia
रविवार, 18 जून 2017 (22:40 IST)
लंदन। भारत और पाकिस्तान के बीच महामुकाबला टीम इंडिया के बेहद खराब प्रदर्शन से फुस्स साबित हो गया। पाकिस्तान ने ओपनर फख़र जमान (114) के शानदार शतक और तेज़ गेंदबाज मोहम्मद आमिर (16 रन पर तीन विकेट) के तूफानी स्पेल की बदौलत भारत को रविवार को 180 रन से करारी शिकस्त देकर पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीत लिया।
 
पाकिस्तानी टीम भारत से पहला लीग मैच हारने के बाद गजब की वापसी करते हुए फाइनल में पहुंची और उसने टीम इंडिया को खेल के सभी विभागों में ध्वस्त कर पहली बार खिताब अपने नाम किया। पाकिस्तान पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में खेल रहा था और उसने फख़र के शानदार शतक से 50 ओवर में 4 विकेट पर 338 रन का विशाल स्कोर बनाने के बाद टीम इंडिया की मजबूत बल्लेबाजी को 30.3 ओवर में 158 रन पर धराशायी कर दिया।
 
अपनी चोट से उबरकर फाइनल में वापसी करने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने अपने पहले स्पेल में रोहित शर्मा (0), कप्तान विराट कोहली (5) और शिखर धवन (21) के विकेट लेकर भारत को ऐसे करारे झटके दिए जिससे टीम इंडिया वापसी नहीं कर पाई। हालांकि सातवें नंबर के बल्लेबाज हार्दिक पांड्या ने 43 गेंदों में चार चौकों और छ: छक्कों की मदद से 76 रन की तूफानी पारी खेली, लेकिन उनके रनआउट होते ही भारत की तमाम उम्मीदें जमींदोज़ हो गईं।
 
युवराजसिंह 22, महेंद्रसिंह धोनी चार, केदार जाधव नौ, रवींद्र जडेजा 15, रविचंद्रन अश्विन एक और जसप्रीत बुमराह एक रन बनाकर पवेलियन लौट गए। पूरी भारतीय टीम 30.3 ओवर में 158 रन पर लुढ़क गई जो बेहद शर्मनाक प्रदर्शन रहा। भारतीय कप्तान विराट ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा था कि टीम किसी तरह के दबाव में नहीं है लेकिन फाइनल में भारतीय बल्लेबाजों पर बड़े स्कोर का तनाव साफ दिखाई दिया जिसके चलते उन्होंने लगातार विकेट गंवाए।
   
पांड्या के रनआउट होने में उनसे ज्यादा जडेजा का दोष रहा जो क्रीज पर आगे निकलकर फिर वापस क्रीज पर लौट गए। पांड्या रनआउट होने के बाद बेहद गुस्से में आ गए और वापस लौटते हुए जडेजा को कई बार घूरकर देखा। पांड्या ने सीमा रेखा पर पहुंचकर बाउंड्री पर अपना बल्ला भी पटका। पांड्या के रनआउट होने के चार रन बाद जडेजा भी वापस पैवेलियन चल दिए।
 
यह भारतीय बल्लेबाजी का बेहद शर्मनाक प्रदर्शन था जिसने पूरे टूर्नामेंट में इससे पहले तक शानदार बल्लेबाजी की थी। आमिर ने पहले ओवर में रोहित को पगबाधा किया। आमिर ने भारत को सबसे बड़ा झटका उस समय दिया जब उनकी गेंद पर विराट कोहली लाइन के विपरीत खेलने की कोशिश में प्वांइट पर शादाब खान को कैच थमा बैठे। आमिर ने फिर शिखर को विकेटकीपर और कप्तान सरफराज खान के हाथों कैच करा दिया।
 
33 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद टीम इंडिया ने सिर्फ हारी हुई लड़ाई लड़ी। लेग स्पिनर शाहदाब खान ने युवराज को पगबाधा किया। धोनी ने आने के साथ ही हसन अली पर अनावश्यक ऊंचा शॉट खेलकर इमाद वसीम को कैच थमाया जबकि जाधव को शादाब ने सरफराज के हाथों कैच करा दिया।
 
पांड्या ने छ: जबरदस्त छक्के उड़ाते हुए 76 रन की जबरदस्त पारी खेली। उस समय ऐसा लग रहा था कि भारत कम से कम अपनी हार को सम्मानजनक बना देगा, लेकिन जडेजा कवर में गेंद खेलकर क्रीज पर आगे निकल आये। उन्हें आगे आता देख पांड्या तेजी से दौड़ पड़े लेकिन चंद कदमों के बाद जडेजा ने अपने कदम वापस क्रीज में खींच लिए और पांड्या रनआउट हो गए। जडेजा को यहां अपने विकेट का बलिदान करना चाहिए था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए।
 
पांड्या ने इस पर काफी रोष जताया। पांड्या का विकेट 152 के स्कोर पर गिरा और फिर छ: रन जोड़कर शेष तीन विकेट भी निकल गये। भारत का आखिरी विकेट गिरते ही पाकिस्तानी टीम और उसके समर्थकों ने ओवल मैदान पर जश्न मनाना शुरू कर दिया। आमिर ने 16 रन पर तीन विकेट, हसन ने 19 रन पर तीन विकेट, शादाब ने 60 रन पर दो  विकेट और जुनैद खान ने 20 रन पर एक विकेट लिया।
पाकिस्तान की 1992 के विश्वकप और 2009 के ट्वंटी 20 विश्वकप के बाद यह तीसरी बड़ी खिताबी जीत है। उसका 50 ओवर के क्रिकेट में यह दूसरा आईसीसी खिताब है। पाकिस्तान ने पहला मैच भारत से 124 रन से हारा था और फाइनल में उसने 180 रन की जीत से बदला चुकाया।  
         
पाकिस्तानी जीत के सबसे बड़े हीरो रहे ओपनर फख़र ज़मान (114) जिन्होंने अपने करियर का पहला शतक जमाकर टीम को चार विकेट पर 338 रन के मजबूत स्कोर पर पहुंचाया, जो इस टूर्नामेंट में किसी टीम का सर्वाधिक स्कोर था। भारतीय कप्तान विराट कोहली का ओवल मैदान में टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला सिरे से गलत साबित हो गया।
          
फख़र ने अज़हर अली (59) के साथ पहले विकेट के लिए 23 ओवर में 128 और फिर बाबर आज़म (46) के साथ दूसरे विकेट के लिए 10.1 ओवर में 72 रन की साझेदारी कर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। पाकिस्तान का 338 रन का स्कोर भारत के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए उसका सबसे बड़ा स्कोर है।
                     
अपना चौथा वनडे खेल रहे फख़र ने इससे पहले तीन मैचों में कुल 138 रन बनाए थे लेकिन इस बार उन्होंने 106 गेंदों में 12 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 114 रन ठोक डाले। फख़र ने यह शतक ऐसे समय बनाया जब पाकिस्तान को भारत के खिलाफ बड़ा स्कोर बनाने के लिए एक बड़ी पारी की जरूरत थी।
                       
फख़र के जोड़ीदार अज़हर अली ने 71 गेंदों पर 59 रन में छह चौके और एक छक्का लगाया। बाबर आज़म ने 52 गेंदों पर 46 रन में चार चौके लगाए। पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज़ ने 37 गेंदों पर नाबाद 57 रन की पारी में चार चौके और तीन छक्के लगाए। इमाद वसीम ने 21 गेंदों पर एक चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 25 रन का योगदान दिया। शोएब मलिक ने 12 रन बनाए।
                          
पूरे टूर्नामेंट में शानदार गेंदबाजी करने वाले भारतीय गेंदबाजों ने फाइनल में आश्चर्यजनक रूप से काफी खराब गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। भारतीय फील्डरों का स्तर भी लचर रहा। जसप्रीत बुमराह तो चौथे ओवर में नोबॉल कर फख़र का विकेट लेने से चूक गए।
        
फख़र का उस समय स्कोर तीन रन था और वह विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपक लिए गए थे। लेकिन बुमराह का पैर क्रीज से बाहर था और यह गेंद नो बॉल निकली। फख़र ने इस जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए करियर का पहला शतक ठोक डाला। फख़र इस तरह चैंपियंस ट्राफी में शतक बनाने वाले सईद अनवर और शोएब मलिक के बाद तीसरे पाकिस्तानी बल्लेबाज बन गए।
                               
भारतीय गेंदबाजों ने शुरूआती तीन ओवर अच्छे डाले जिसमें सिर्फ चार रन ही गए। लेकिन इसके बाद फख़र और अज़हर की साझेदारी ने भारतीय गेंदबाजों के हौंसलों को पस्त कर दिया। उन्होंने भारतीय तेज और स्पिन गेंदबाजों पर आसानी से रन बटोरे। भारत के दोनों ही स्पिनर खासे महंगे साबित हुए और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
                               
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 10 ओवर में 70 रन लुटाए जबकि लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने आठ ओवर में 67 रन दिए। बुमराह ने नौ ओवर में 68 रन दिए। भारतीय गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार ही कुछ प्रभावशाली रहे, जिन्होंने 10 ओवर में 44 रन देकर एक विकेट लिया। हार्दिक पांड्या को 10 अोवर में 53 रन पर एक विकेट और पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर केदार जाधव को तीन ओवर में 27 रन पर एक विकेट मिला।
                         
पाकिस्तान का पहला विकेट 128 के स्कोर पर गिरा जब अज़हर अली रनआउट हुए। फख़र टीम के 200 के स्कोर पर आउट हुए। उन्हें पांड्या ने जडेजा के हाथों कैच कराया। शोएब मलिक को भुवनेश्वर ने जाधव के हाथों लपकवा दिया। बाबर आज़म का विकेट जाधव ने और कैच युवराज ने लपका।
                          
पाकिस्तान के चार विकेट 267 रन तक गिर गए थे लेकिन हफीज और इमाद वसीम ने पांचवें विकेट की अविजित साझेदारी में 7.3 ओवर में 71 रन ठोक डाले और पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ वनडे में अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ और चैंपियंस ट्रॉफी का दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर बना डाला। भारत ने 25 अतिरिक्त रन भी लुटाए जिसमें 13 वाइड और तीन नोबॉल थीं इनमें से एक नो बॉल तो भारत को अंत में ऐसी भारी पड़ी जिसका बुमराह और टीम इंडिया को लंबे समय तक अफसोस रहेगा। (वार्ता)
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