चैंपियंस ट्रॉफी : बांग्लादेश के खिलाफ कोई कसर नहीं छोड़ेगा आत्मविश्वास से भरा भारत

Webdunia
बुधवार, 14 जून 2017 (14:33 IST)
बर्मिंघम। भारत गुरुवार को यह यहां जब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ मैदान पर उतरेगा तो तब पेशेवरपन बनाम जुनून के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।
 
कागजों पर भारत इस मैच जीत का प्रबल दावेदार है लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और ऐसे में बांग्लादेश को जीत का दावेदार नहीं मानना गलत होगा। भारतीय टीम भी अपने इस पड़ोसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ किसी तरह की भी ढिलाई बरतने से बचना चाहेगी। विशेषकर बांग्लादेश ने जिस तरह से लीग चरण में न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार वापसी करके जीत दर्ज की, उसे देखते हुए कोई भी टीम उसको कमजोर मानने की गलती नहीं करेगी। इस जीत से बांग्लादेश ने सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अपनी राह तैयार की थी।
 
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम भी आत्मविश्वास से भरी है और वह अपनी यही फॉर्म बरकरार रखकर बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाने की कोशिश करेगी।
 
भारत के बल्लेबाज फॉर्म में हैं, गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और क्षेत्ररक्षण भी बेहतरीन है। कुल मिलाकर विराट कोहली की टीम अभी खेल के तीनों विभाग में अव्वल नजर आ रही है। ऐसे में भाग्य के भरोसे सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली मशरेफी मुर्तजा की टीम को जीत दर्ज करने के लिए गुरुवार को यहां एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर कुछ विशिष्ट प्रदर्शन करना होगा।
 
भारत खिताब का दावेदार है और इससे कम पर वह कतई संतुष्ट नहीं हो सकता है जबकि बांग्लादेश अगर गुरुवार को जीत दर्ज कर लेता है तो उसके लिए यह अपने क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत में से एक होगी। बांग्लादेश इससे पहले ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी टीमों को हरा चुका है, जो महज इत्तेफाक मानी गई लेकिन उसकी टीम किसी भी समय इस तरह का प्रदर्शन करने का माद्दा रखती है।
 
भारत अगर जीत दर्ज कर लेता है तो फिर भी उसे उस तरह का श्रेय नहीं मिलेगा, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ जीतने पर मिलता है। लेकिन अगर उसे हार का सामना करना पड़ता है तो फिर आलोचकों को बहाना मिल जाएगा तथा फिर से मैदान के बाहर के मसले जैसे अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच कथित मतभेद उठने लगेंगे। 
 
यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत रविचन्द्रन अश्विन को अंतिम एकादश में बनाए रखता है या फिर उमेश यादव को वापस टीम में लाता है, क्योंकि अभ्यास मैच के दौरान उनकी तेज गेंदबाजी के सामने बांग्लादेशी बल्लेबाज नहीं टिक पाए थे और भारत ने 240 रनों से जीत दर्ज की थी।
 
जहां तक बांग्लादेश की बात है तो उसका लक्ष्य विश्व कप 2007 में पोर्ट ऑफ स्पेन में दिखाए गए प्रदर्शन को दोहराना होगा। तब उसने भारत को हराकर उसे शुरुआती दौरे से ही बाहर कर दिया था। उस मैच के 4 सदस्य कप्तान मशरेफी मुर्तजा, शाकिब अल हसन, मुशफिकर रहीम और तमीम इकबाल वर्तमान टीम के स्टार खिलाड़ी हैं।
 
वनडे प्रारूप ऐसा है जिसमें बांग्लादेश के पास संभवत: भारत को हराने का सर्वश्रेष्ठ मौका रहता है। पिछले 3 वर्षों में बांग्लादेश ने इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन भी किया है। उसने 2015 की घरेलू श्रृंखला के दौरान 2-1 से जीत दर्ज करके दिखाया था कि वह ऐसा कर सकता है। उस श्रृंखला में युवा तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान ने भारतीय बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया था।
 
भारत और बांग्लादेश के बीच 50 ओवरों का मुकाबला जुनूनी दर्शकों और मीडिया के कारण भी एक नए मुकाम पर पहुंच जाता है। बांग्लादेश के प्रशंसक ही नहीं बल्कि मीडिया भी इस तरह के मैचों के प्रति बेहद जुनूनी बन जाता है। यहां तक कि उसके क्रिकेटर भी इससे नहीं बच पाते हैं।
 
बांग्लादेश की टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मैच पर आंखें गड़ाए हुए थी। इंग्लैंड के जीत दर्ज करते ही बांग्लादेश की सेमीफाइनल में जगह पक्की हो गई और उसके खिलाड़ी खुशी में झूमने लगे। तेज गेंदबाज तास्किन अहमद ने आमरा कोरबो ज्वाए हम होंगे कामयाबी गीत गया और बाकी साथियों ने उनका साथ दिया। 
 
उन्होंने फेसबुक पर यह वीडियो अपलोड किया जिसे लाखों हिट मिले हैं। अगर भारत में क्रिकेट धर्म है तो बांग्लादेश भी उससे पीछे नहीं है। उन्हें अब भी 2015 विश्व कप में भारत से मिली हार कचोटती है। उनका मानना है कि रोहित शर्मा आउट थे, क्योंकि रूबेल हुसैन ने वैध गेंद की थी। उनका मानना है कि मोहम्मद रियाद उनकी टीम को जीत दिला सकता था और शिखर धवन का सीमा रेखा पर कैच का दावा अंपायर को सही नहीं मानना चाहिए था।
 
यही नहीं पिछले साल आईसीसी विश्व टी-20 में बेंगलुरु में भारत के हाथों 1 रन की हार भी वे नहीं पचा पाए हैं। भारत के सेमीफाइनल में बाहर होने के बाद मुशफिकर रहीम के ट्वीट से यह जाहिर हो गया था। अगर मैदान पर प्रदर्शन की बात की जाए तो धवन और रोहित की भारतीय सलामी जोड़ी बांग्लादेश के तमीम इकबाल और सौम्य सरकार से बेहतर है। तमीम हालांकि अभी अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। कोई सपने में भी कोहली की तुलना इमरूल काएस या शब्बीर रहमान से नहीं कर सकता है।
 
महेंद्र सिंह धोनी 50 ओवरों के क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में शुमार होते हैं जबकि मुशफिकर रहीम अब भी ऐसे खिलाड़ी है जिनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। महमुदुल्लाह रियाद मैच विजेता हैं लेकिन युवराज सिंह अपना 300वां मैच खेलेंगे और वह पूरी तरह से अलग तरह का खिलाड़ी है।
 
मशरेफी, तास्किन, रूबेल और मुस्ताफिजुर के रूप में बांग्लादेश के पास अच्छा आक्रमण है लेकिन तब भी भारत के पास भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमरा और हार्दिक पंड्या के रूप में बेहतर गेंदबाज हैं। (भाषा) 
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