अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी पारी में बहुत ज्यादा दबाव था। अगर यह कहा जाए कि दोनों को खुद को साबित करने का यह आखिरी मौका था तो गलत नहीं होगा।
लेकिन दोनों ने यह बात समझी और दूसरी पारी में कोई गलती नहीं की। दोनों को यह मालूम था कि वह अपनी जगह के लिए खेल रहे हैं। तीसरे विकेट के लिए दोनों ने शतकीय साझेदारी की।
अजिंक्य रहाणे ने चेतेश्वर पुजारा की तुलना में थोड़ी तेजी से रन बनाए। दोनों ही बल्लेबाज का स्कोर भी लगभग समान रहा। पुजारा और रहाणे ने लगभग आगे पीछे ही अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि दोनों ही बल्लेबाज इस ही तरह आउट भी हो गए।
पुजारा और रहाणे ने आज सुबह टीम के कल के स्कोर 85 रन पर दो विकेट से आगे खेलना शुरू किया और आउट होने से पहले 70 रन और जोड़े। दोनों बल्लेबाजों ने अर्धशतकीय पारी खेलते हुए तीसरे विकेट के लिए 111 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, हालांकि तेज गेंदबाज कैगिसो रबादा ने घातक गेंदबाजी करते हुए दोनों बल्लेबाजों को आउट करके दक्षिण अफ्रीका की वापसी कराई। 155 के स्कोर पर रहाणे और 163 रन पर पुजारा का विकेट गिरा।
58 रनों पर अजिंक्य रहाणे का विकेट कगीसो रबाड़ा ने लिया और दक्षिण अफ्रीका को राहत दिलाई। रबाड़ा की एक बेहतरीन गेंद पर रहाणे विकेट के पीछे कैच आउट हो गए।अगले ही ओवर में रबाड़ा ने चेतेश्वर पुजारा को 53 रनों पर पगबाधा कर के दो नए भारतीय बल्लेबाजों को क्रीज पर आमंत्रित किया।
जिस तरह से आज पुराने- यानि की अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा बल्लेबाजी कर रहे थे ऐसा लग रहा था कि दोनों के शतक का इंतजार आज पूरा हो जाएगा लेकिन खेल के 1 घंटे के बाद पिच पर जो रोलर चला था उसका प्रभाव कम हो गया।
इसके बाद विकटों की झड़ी भी लगी लेकिन रहाणे और पुजारा ने यह सुनिश्चित किया कि वह अगले टेस्ट में ड्रॉप ना हो। गौरतलब है कि अगर अगले टेस्ट में विराट कोहली खेलने के लिए फिट हुए तो किसी एक बल्लेबाज को ड्रॉप होना होगा।
बुरे फॉर्म से गुजर रहे इन दोनों बल्लेबाजों ने यह सुनिश्चित किया कि वह नाम इन दोनों में से ना हो।अजिंक्य रहाणे ने आउट होने से पहले 78 गेंदो में 8 चौके और 1 छक्के की मदद से 58 रन बनाए। 9 पारियों के बाद उनके बल्ले से एक टेस्ट फिफ्टी निकली है। यह दक्षिण अफ्रीका में उनकी तीसरी टेस्ट फिफ्टी है। पुजारा 10 चौकों की मदद से 86 गेंदों पर 53 रन बना कर आउट हुए।
गौरतलब है कि दोनों ही बल्लेबाज लंबे समय से बुरे फॉर्म से जूझ रहे थे। सुनील गावस्कर से लेकर पत्रकार विक्रांत गुप्ता तक ने यह कह दिया था कि शायद यह पारी दोनों के लिए ही जगह बचाने का आखिरी मौका है और दोनों ने ही अर्धशतक लगा कुछ देर तक अपने करियर से संकट को दूर किया है।
पुजारा और रहाणे सिर्फ टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं अगर इस पारी में भी वह फ्लॉप हो जाते तो अगले टेस्ट में उनके अंतिम ग्यारह में शामिल होने पर ही संदेह हो जाता। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल भी दोनों के पास ऐसी ही स्थिति थी और इंग्लैंड के खिलाफ दोनों ने ही पचास रन जड़ कर खुद पर मंडरा रहे संकटों के बादलों को टाला था।