डे-नाइट टेस्ट में गुलाबी गेंद से चेतेश्वर पुजारा को कोई परेशानी नहीं

Webdunia
शुक्रवार, 1 नवंबर 2019 (20:52 IST)
कोलकाता। चेतेश्वर पुजारा भारत के पहले दिन-रात्रि टेस्ट को लेकर काफी उत्साहित हैं, भले ही इसके चुनौतीपूर्ण होने की बातें चल रही हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि टीम के मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप को गुलाबी गेंद के लिए अनुकूलित होने में कोई समस्या नहीं होगी।
ALSO READ: डे-नाइट टेस्ट के लिए BCCI ने एसजी से 72 गुलाबी गेंदें मंगवाई
3 साल पहले जब सौरव गांगुली की अगुआई वाली बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने पहली बार गुलाबी गेंद के साथ प्रयोग किया था तो इसे दलीप ट्रॉफी में लागू किया गया था जिसमें पुजारा ने इंडिया ब्लू के लिए 2 बड़े शतक से 453 रन बनाए थे। उन्होंने नाबाद 256 रनों की पारी भी खेली थी।
ALSO READ: भारत और बांग्लादेश के बीच पहले डे-नाइट टेस्ट को लेकर रोहित शर्मा रोमांचित
गांगुली ने अब बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालते ही दिन-रात्रि टेस्ट के लिए बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को सहमत कर लिया जिससे अब दोनों देश 22 से 26 नवंबर तक ईडन गार्डन्स में गुलाबी गेंद से अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगे। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सहित पूर्व खिलाड़ियों ने कई चुनौतियों की बात की है जिसमें शाम में खेलने से ओस की समस्या सबसे अहम है।
टेस्ट में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले पुजारा ने कहा कि यह उत्साहित करने वाला होगा। हमने जो दिन-रात्रि मैच खेला था तो वो प्रथम श्रेणी मैच था, यह टेस्ट मैच होगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सभी खिलाड़ी इसके लिए उत्साहित हैं। पुजारा ने 2016-17 सत्र में दूधिया रोशनी में गेंद दिखने में दिक्कत की शिकायत की थी लेकिन अब वे इसके लिए अच्छी तरह तैयार हैं।
ALSO READ: इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत-बांग्लादेश सीरीज का पहला टेस्ट, जानिए कैसा रहेगा पिच का मिजाज
उन्होंने कहा कि जितना हम खेलेंगे, उतना ही हमें अनुभव मिलेगा कि गेंद को कैसे खेला जाए। हर गेंद में अपनी चुनौती होती है और मुझे नहीं लगता कि लाल गेंद से गुलाबी गेंद से खेलने में ज्यादा बदलाव करना होगा। कारण यह है कि यह एक ही प्रारूप है। हम 5 दिवसीय मैच ही खेल रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि हां, बस यह दूधिया रोशनी में होता है तो यह अलग होगा। लेकिन यह सिर्फ गुलाबी गेंद का आदी होने की बात है। मुझे ऐसा ही लगता है। इसके अलावा मुझे नहीं लगता कि इसमें ज्यादा अंतर होगा। हम कुछ टेस्ट मैच खेल लेंगे तो हम बिलकुल सही अंतर जान पाएंगे और इसमें सुधार कर सकते हैं। 
 
पुजारा के अलावा मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम में मयंक अग्रवाल, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और ऋद्धिमान साहा को घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है। उन्होंने कहा कि हमें कोई परेशानी नहीं होगी। ज्यादातर खिलाड़ी दलीप ट्रॉफी में खेल चुके हैं और जो नहीं खेले हैं, उनके लिए यह सीखने का अच्छा मौका होगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख