एक भारतीय मूल के ब्रिटिश हृदय चिकित्सक और एक ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर ने संदेह जताया है कि Shane Warne शेन वॉर्न की आकस्माक मृत्यु का कारण COVID Vaccineकोविड वैक्सीन भी हो सकती है। गौरतलब है कि अपनी मृत्यु के 9 महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया के महानतम स्पिनर ने कोविड वैक्सीन लगवाई थी।
हृदय चिकित्सक असीम मलहोत्रा और क्रिस नील जो कि ऑस्ट्रेलियाई चिकित्सक ईकाई के अध्यक्ष हैं उन्होंने बताया है कि शेन वॉर्न की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि वह दिल की बीमारी से ग्रसित थे।
दोनों के ही अनुसंधान में यह पता चला है कि कोविड आरएनए वैक्सीन लगने के बाद धमनियां जल्द बीमार पड़ सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी पहले कभी कोई बड़ी दिल की बीमारी हुई ना हो।
परिवार ने भी माना था वॉर्न को थी दिल की बिमारी
शेन वॉर्न के मैनेजर जेम्स एर्सकिने ने खुलासा किया था कि ऑस्ट्रेलिया का यह महान स्पिनर छुट्टियों पर जाने से पहले दो सप्ताह सिर्फ तरल आहार ले रहा था, जिससे छाती में दर्द और पसीना आने की शिकायत भी की थी। ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर वॉर्न का थाईलैंड में 52 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था और उन्हें दिल का दौरा पड़ने की आशंका जताई जा रही थी।
वॉर्न के परिवार ने भी थाई पुलिस को बताया कि उन्हें दिल से जुड़ी परेशानियां और दमा था। वॉर्न के एक दोस्त ने बताया कि उनका आखिरी भोजन ऑस्ट्रेलिया का मशहूर वेजेमाइट (फूड स्प्रेड) लगा टोस्ट था। द स्पोर्टिंग न्यूज के सीईओ टॉम हाल ने पोर्टल पर लिखा था, 'मैने कई बार शेन के साथ शानदार खाना खाया है लेकिन वहां थाई खाना खाने की बजाय हमने ऑस्ट्रेलिया का मशहूर खाना वेजेमाइट लगा टोस्ट खाया। वह पक्का ऑस्ट्रेलियाई था। खाने के बाद वह अपने बच्चों को फोन करने बेडरूम में चला गया था।'
खेल विज्ञान में नहीं थी शेन वॉर्न को खासी दिलचस्पी
वो भले ही सर्वकालिक महान लेग स्पिनर रहे हों लेकिन दिवंगत शेन वॉर्न खेल विज्ञान में विश्वास नहीं रखते थे। इस दिग्गज आस्ट्रेलियाई ने अपने आकस्मिक निधन से पहले एक साक्षात्कार में इसका खुलासा किया था। वॉर्न ने अपने 15 साल के शानदार करियर में 145 टेस्ट में 708 विकेट लिये तथा लेग स्पिन गेंदबाजी की कला को पुनर्जीवित करने का श्रेय उन्हें जाता है। वार्न का शुक्रवार को थाईलैंड में 52 साल की उम्र में निधन हो गया था।
वॉर्न ने ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल प्रबंधक एंज पोस्टेकोग्लू से कहा था कि वह खेल विज्ञान के प्रशंसक नहीं थे और उन्होंने केवल एक बार बर्फ स्नान किया था। वार्न ने पोस्टकोग्लू से कहा था, मैं अक्सर सोचता हूं कि मैं इसे कैसे अपना पाऊंगा। जब मैं तरोताजा रहता था तो अच्छा महसूस करता था। मैं खेल विज्ञान से जुड़ी चीजों का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं था।
उन्होंने कहा था, आज के तामझाम को देखकर जिसे मैंने मुख्य कोच रहते हुए महसूस किया है। इन सब चीजों के साथ काम करते हुए मैंने कहा कि यह सब ठीक है लेकिन खेल का अहसास कहां है। मुझे खेल विज्ञान के हिसाब से चलने में थोड़ा परेशानी होती है।