एडिनबर्ग: स्कॉटलैंड में क्रिकेट के शासी निकाय क्रिकेट स्कॉटलैंड के पूरे बोर्ड ने सोमवार को जारी होने वाली नस्लभेद जांच रिपोर्ट के प्रकाशन से पहले इस्तीफा दे दिया है। क्रिकेट स्कॉटलैंड ने रविवार को यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि स्कॉटलैंड क्रिकेट में नस्लभेद के आरोपों की जांच के लिये समिति का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को प्रकाशित होगी।
स्कॉटलैंड के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ माजिद हक़ ने स्काई स्पोर्ट्स न्यूज़ के साथ साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि स्कॉटलैंड क्रिकेट "संस्थागत रूप से नस्लवादी" है, जिसके बाद जांच के आदेश दिये गये थे।खबरों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि स्कॉटलैंड क्रिकेट के अंदर व्यापक स्तर पर नस्लवाद मौजूद है।
क्रिकेट स्कॉटलैंड के प्रवक्ता ने यहां जारी बयान में कहा कि क्रिकेट स्कॉटलैंड तत्काल प्रभाव से स्पोर्ट्सकोटलैंड के साथ साझेदारी में काम करेगा ताकि आने वाले दिनों में संगठन और खेल के लिए उचित प्रशासन, नेतृत्व और समर्थन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि "क्रिकेट में नस्लवाद की रिपोर्ट" के प्रकाशन के बाद इन व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी।
क्रिकेट स्कॉटलैंड के बोर्ड ने अपने त्याग पत्र में कहा, "नस्लवाद के बारे में उठाए गए मुद्दों के लिए एक संपूर्ण, निष्पक्ष और त्वरित समाधान देना, और खेल के शासन को बदलना और आधुनिक बनाना क्रिकेट स्कॉटलैंड जैसे छोटे संगठन के लिये अपने आप में दो बड़ी चुनौतियां हैं। हम स्पोर्ट्सकोटलैंड से अब तक प्राप्त महत्वपूर्ण समर्थन को स्वीकार करते हैं, और हम जानते हैं कि वे तेजी से प्रगति सुनिश्चित करने के लिए साझेदारी में काम करना जारी रखेंगे।"
उन्होंने कहा कि जब पिछले साल स्कॉटलैंड क्रिकेट में नस्लभेद की जांच के आदेश दिये गये थे, तब वे इसके 'पूर्णतः पक्षधर' थे।
बोर्ड ने कहा, "समीक्षा ने 'अद्वितीय स्तर का जुड़ाव' हासिल किया है और हमें विश्वास है कि यह वास्तव में परिवर्तनकारी होगा, न केवल क्रिकेट स्कॉटलैंड और क्रिकेट के लिए, बल्कि यह स्कॉटिश खेल और सामान्य रूप से समाज को बदलाव का एक महत्वपूर्ण मौका प्रदान करेगा।"
उन्होंने कहा, "बोर्ड इस समीक्षा के निष्कर्षों को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि स्कॉटलैंड में क्रिकेट के खेल को समावेशी बनाया जा सके। हम सभी को वास्तव में खेद है और हम स्कॉटलैंड क्रिकेट में नस्लवाद या किसी भी तरह का भेदभाव अनुभव करने वाले सभी लोगों से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगते हैं।" (वार्ता)