जोहानसबर्ग: दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान और क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (सीएसए) के क्रिकेट निदेशक रहे ग्रीम स्मिथ को एसजेएन कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर उत्पन्न नस्लभेदी व्यवहार के आरोपों से बरी कर दिया गया है। यह फ़ैसला एक स्वतंत्र मध्यस्थता प्रक्रिया के बाद लिया गया है।
एसजेएन रिपोर्ट के आधार पर स्मिथ पर तीन अवसरों में हानिकारक आचरण के आरोप लगे थे लेकिन मध्यस्थता करने वाले वकील नगवाको मैनेटजे एससी और माइकल बिशप ने उन्हें तीनों में निर्दोष पाया। इस प्रक्रिया का ख़र्चा सीएसए को ही उठाना पड़ेगा।
प्रक्रिया के दौरान यह साबित हुआ कि स्मिथ ने 2012 और 2014 के बीच विकेटकीपर थामी त्सोलीकीले के विरुद्ध कोई भेदभाव नहीं किया था जब त्सोलीकीले केंद्रीय अनुबंध की प्राप्ति होने के बावजूद टेस्ट टीम में शामिल नहीं किए गए। साथ ही स्मिथ पर यह इलज़ाम था कि वह सीएसए में अश्वेत नेतृत्व गुट और ख़ास तौर पर सीईओ थाबांग मोरोए के साथ काम करने पर ख़ुश नहीं थे और उन्होंने 2019 में राष्ट्रीय टीम के कोच की नियुक्ति में हस्तक्षेप करते हुए मार्क बाउचर को इनॉक अंकवे से आगे रखा था। इन दोनों में भी उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं पाया गया।
गत मार्च में संसद के सामने सीएसए की छानबीन का ब्यौरा देते हुए बोर्ड अध्यक्ष लॉसन नायडू ने आख़िरी आरोप को नकारते हुए कहा था कि स्मिथ और बाउचर दोनों की नियुक्ति इससे पहले गठित बोर्ड की देखरेख और पूरी मंज़ूरी के साथ ही की गई थी। एसजेएन ने दोनों की नियुक्ति प्रक्रिया पर चिंता जताई थी।
हालांकि अब स्मिथ पर से यह आरोप हट गया है कि उन्होंने बाउचर की नियुक्ति में नस्ल के आधार पर भेदभाव किया था लेकिन बाउचर पर दुराचरण के आरोपों पर अगले महीने अनुशानात्मक सुनवाई होगी। इन आरोपों के आधार पर सीएसए ने उन्हें मुख्य कोच के पद से हटाए जाने की मांग भी की है। फ़िलहाल बाउचर का अनुबंध 2023 के वनडे विश्व कप के अंत तक का है।
स्मिथ का सीएसए के साथ कार्यकाल 31 मार्च तक का था और उन्होंने इसके बाद इस पद के लिए फिर से प्रार्थना-पत्र नहीं भेजा। इसके चलते सीएसए को नए निदेशक की खोज शुरू करनी पड़ी। सीएसए ने स्मिथ के जाने पर कोई बयान जारी नहीं किया लेकिन महामारी जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पुरुष और महिला टीमों के लिए एक अच्छे वक़्त में उनके योगदान की सराहना ज़रूर की।
क्रिकइंफ़ो को जानकारी मिली है कि सीएसए उन्हें सलाहकार के रूप में रखना चाहता था लेकिन उनके और बिज़नेस प्रतिबद्धताओं के चलते ऐसा नहीं हो सका। सीएसए ने इस बात पर भी खेद जताया कि एसजेएन प्रक्रिया के दौरान स्मिथ की आमदनी सार्वजानिक रूप पर बाहर आ गई थी। स्मिथ को मिल रहा वेतन क़रीब 27 लाख रूपए प्रति माह था जो उस दौरान सीईओ से भी ज़्यादा था।
दिसंबर में सार्वजनिक की गई एसजेएन रिपोर्ट ने स्मिथ और बाउचर के अलावा एबी डीविलियर्स पर भी नस्ल के आधार पर दुराचरण के संगीन इलज़ाम लगाए थे। स्मिथ पर मध्यस्थता और बाउचर पर अनुशानात्मक सुनवाई अब तक सीएसए के उठाए गए दो क़दम हैं और इस पूरी प्रक्रिया में बोर्ड ने लगभग पांच करोड़ रूपए ख़र्च किए हैं।(वार्ता)