कोलंबो:श्रीलंका के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज अरविंद डिसिल्वा ने राष्ट्रीय टीम के क्रिकेटरों से कहा है कि वे शिकायत करने की बजाय मैच जीतने पर ध्यान दें। उन्होंने अपनी अध्यक्षता वाली समिति द्वारा प्रस्तावित खिलाड़ियों के सालाना अनुबंध को भी सही ठहराया है।
डिसिल्वा ने कहा कि केंद्रीय अनुबंध को खिलाड़ियों द्वारा खारिज किया जाना अनुचित है क्योंकि शीर्ष टीमों के खिलाफ श्रृंखलायें जीतने पर बोर्ड अधिक राशि दे रहा है।
उन्होंने कहा , यह गलत है कि हमारे खिलाड़ी अनुबंध को खारिज कर रहे हैं।सबसे अहम बात यह है कि उन्हें शिकायतें करने की बजाय अच्छा खेलने और श्रृंखलायें जीतने पर फोकस करना चाहिये।
उन्होंने डेली न्यूज से कहा , सकारात्मक रवैये से उन्हें अधिक फायदा होगा जैसे क्षेत्र की दूसरी टीमों को होता है।
श्रीलंका क्रिकेट ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनके 24 क्रिकेटरों को चार वर्गों में अनुबंध की पेशकश की गई है और इसे मंजूर करने के लिये तीन जून तक की समय सीमा है। इसमें ए श्रेणी में छह ही क्रिकेटर हैं जिनका सालाना वेतन 70000 से एक लाख डॉलर के बीच है।बल्लेबाज धनंजय डिसिल्वा को सर्वाधिक एक लाख डॉलर का अनुबंध दिया गया है जबकि बाकी सभी के 70 से 80 हजार डॉलर के बीच हैं।
गौरतलब है कि श्रीलंका के मौजूदा सभी 24 खिलाड़ियों ने अनुबंध श्रेणियों को आवंटित करने के तरीके में पारदर्शिता की कमी होने का हवाला देते हुए श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) की ओर से उनके सामने पेश किए गए केंद्रीय अनुबंध को साइन करने से इनकार कर दिया था। खिलाड़ियों ने अपने कानूनी प्रतिनिधि की ओर से जारी बयान में उनके प्रस्तावित वेतन का विवरण सार्वजनिक किए जाने पर भी हैरानी और निराशा जताई थी।
ग्रेड पर विवाद पर मैदान पर फुस्स श्रीलंका
श्रीलंका आईसीसी वनडे विश्वकप 2023 की क्वालिफायिंग के लिए खेली जा रही लीग के अपने छठवें मैच में श्रीलंका पहली जीत हासिल कर पायी है। विश्वकप में अपना स्थान सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका को इस जीत की बहुत आवश्यकता थी। अब श्रीलंका के 8 अंक हो गए हैं।
हालांकि श्रीलंका की स्थिती वनडे सुपर लीग अंकतालिका में दयनीय ही कही जाएगी क्योंकि वह पायदान में सबसे नीचे बारहवें स्थान पर है। लगातार क्रिकेट ना खेलने वाली जिम्बाब्वे और आयरलैंड जैसी टीमें भी 10 अंको के साथ श्रीलंका से आगे है।
कभी एशियाई क्रिकेट की शीर्ष टीम रही श्रीलंका की स्थिती इतनी बद्त्तर है कि वह बांग्लादेश से सीरीज में 1-2 से पीछे हैं। उसका एक भी बल्लेबाज या गेंदबाज वनडे रैंकिंग के टॉप 10 में शुमार नहीं है। वरिष्ठ खिलाड़ियों के जाने के बाद युवा खिलाड़ी टुकड़े टुकड़े में प्रदर्शन करते हैं। टीम संगठित होकर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम दिखती है।
कभी श्रीलंका 1996 में विश्वकप जीती थी जिसमें अरविंद डिसिल्वा ने पूरे टूर्नामेंट में और फिर फाइनल में शानदार पारी खेलकर एशिया और दुनिया को क्रिकेट का नया सरताज दिया था और अब हालत यह है श्रीलंका वनडे सुपर लीग में ऐसे ही खेलती रही तो शायद अगले विश्वकप के लिए क्वालिफाय भी नहीं कर पाए।