महेंद्र सिंह धोनी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंतिम रनआउट आज भी उनके फैंस के दिलों में ताजा है। आईसीसी वनडे विश्वकप सेमीफाइनल में मार्टिन गुप्टिल द्वारा एक डायरेक्ट हिट पर माही रनआउट हुए और उसके बाद फिर नीली जर्सी में नहीं दिखे। दिलचस्प बात यह है कि अपनी पहली वनडे पारी में भी महेंद्र सिंह धोनी रनआउट ही हुए थे।
15 अगस्त 2020 को महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया लेकिन माही के फैंस के लिए राहत की बात यह थी कि वह अपने पसंदीदा खिलाड़ी को इस दौरान आईपीएल में देख कर चीयर करते रहे। हालांकि कोरोना के चलते स्टेडियम मेंं दर्शक माही को अब तक आईपीएल के पिछले दो सीजन में नहीं देख पाए हैं।
लेकिन संन्यास लेने के बाद माही अपने फैंस की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए हैं। आईपीएल 2020 में कुल 14 मैचों में महेंद्र सिंह धोनी महज 200 रन बना पाए थे। उन्होने कुल 16 चौके और 7 छक्के लगाए थे। फिर भी आईपीएल 2021 के लिए के लिए न केव रीटेन किया गया है, बल्कि कप्तान भी बनाए रखा है।
आईपीएल 2021 के पहले ही मैच में दिल्ली के आवेश खान ने उनको 0 पर बोल्ड कर दिया था। अभी तक खेले गए 7 मैचों में माही सिर्फ 37 रन बना पाए हैं। उनका बल्ला धीरे धीरे शांत होता जा रहा है। फैंस भी मानसिक तौर से इस बात के लिए तैयार है कि माही ज्यादा से ज्यादा एक सीजन और खेलते हुए दिख सकेंगे।
जब महेंद्र सिंह धोनी पूरी तरह क्रिकेट को अलविदा कह देंगे तो वह क्या कर सकते हैं। वैसे तो माही अपने फैंस को सरप्राइज करते रहते हैं लेकिन क्रिकेट के बाद धोनी इन भूमिकाओं में दिख सकते हैं।
1) कोच
महेंद्र सिंह धोनी जितनी बेहतरीन तरीके से क्रिकेट को समझते हैं उनसे बेहतर शायद ही कोई क्रिकेटर समझता हो। पिच से लेकर टीम कॉम्बिनेशन तक उनका आंकलन सटीक रहता है। यही नहीं डीआरएस के लिए तो कोहली धोनी की तरफ तब भी देखते थे जब वह कप्तान नहीं थे। धोनी द्वारा लिया गया शायद ही कोई रिव्यू हो जो अंत में गलत साबित हुआ हो।
ऐसे में बतौर कोच महेंद्र सिंह धोनी का करियर बहुत उज्जवल दिखता है। भारतीय टीम के फैंस तो यही चाहेंगे कि वह टीम इंडिया के कोच बने पर वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की कोचिंग काफी आसानी से कर सकते हैं। विदेशी टीमें भारत के कोच को रखना पसंद नहीं करती लेकिन माही के बारे में वह अपना विचार बदल सकती हैं।
2) कमेंटेटर
महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर जितने चपल और चालाकी दिखाते हैं मैदान के बाहर वह उतने ही हाजिर जवाब हैं। कई बार माही ने अपनी वाक चातुर्य से फैंस के दिल जीते हैं। धोनी की प्रतिभा पर सवाल उठाने वाले केविन पीटरसन को एक बार उन्होंने मैदान के बीच में ही तुम मेरा पहला टेस्ट विकेट हो कहकर कमेंट्री बॉक्स में सबको हंसा दिया था।
रांची के क्रिकेटर धोनी ने अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही कई बार इंटर्व्यू दिए हैं और उनकी भाषा से पत चलता है कि अगर कमेंट्री बॉक्स में उनको मौका मिला तो वह बतौर कमेंटेटर क्रिकेट देखने वालों के लिए काफी रोचक तथ्य प्रस्तुत कर सकेंगे।
3) एक्टर
माही के लिए यह भूमिका ज्यादा लोगों ने सोची नहीं है लेकिन यकीन मानिए धोनी रुपहले पर्दे पर भी तहलका मचाने का माद्दा रखते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि संन्यास लेने के बाद माही जितने भी एड में दिखे हैं वह एक अलग ही अवतार में दिखे हैं।
कभी माही एक बौद्ध भिक्षु के रूप में दिखायी देते हैं तो कभी बिसनेस भाई के रूप में और यकीन मानिए किसी भी मेकओवर में माही अटपटे नहीं लगते ऐसा लगता है कि वह उतनी ही तल्लीनता से किरदार में रच बस गए हैं जैसे क्रिकेट में। हालांकि यह हो सकता है कि अगर माही फिल्म करे तो उनको एक्टिंग में सुधार करना पड़े।
क्रिकेट के मैदान से रुखसत होने के बाद कई क्रिकेटरों ने एक्टिंग में हाथ आजमाया है। अजय जड़ेजा, विनोद कांबली और सलिल अंकोला इसके कुछ उदाहरण है।