पुणे:इंग्लैंड के कप्तान इयॉन मोर्गन को पिछले कुछ समय से इच्छा के अनुरूप नतीजे नहीं मिल रहे हैं लेकिन भारत के खिलाफ चल रही वनडे श्रृंखला में उन्हें अपनी टीम की खेल योजना में कोई खामी नहीं दिखती है जबकि उन पर विश्व रैंकिंग का शीर्ष स्थान विराट कोहली की टीम को गंवाने का खतरा भी मंडरा रहा है।
दुनिया की दो शीर्ष टीमों के बीच मुकाबले में विश्व चैम्पियन इंग्लैंड ने मंगलवार को 318 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 15 ओवर के अंदर बिना विकेट गंवाये 135 रन बना लिये थे लेकिन टीम 251 रन पर सिमट गयी। टीम में इसके बाद कोई भागीदारी नहीं बन सकी।
मोर्गन ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मुझे लगता है कि आज हम जिस तरह से खेले, वह सही है क्योंकि यह हमारे लिये पिछले पांच वर्षों से कारगर रहा है।
उन्होंने कहा, इसलिये हमारे गेंदबाजी प्रदर्शन के बाद दोनों सलामी बल्लेबाज जिस तरह से खेले और उन्होंने जिस तरह से खेल पर नियंत्रण बनाकर भागीदारी निभायी, वह काफी सकारात्मक चीज है।
अब टीम के सामने शुक्रवार को दूसरा वनडे करो या मरो मुकाबले की तरह होगा जबकि भारत अगर श्रृंखला में क्लीन स्वीप (3-0 से जीत) कर लेता है तो मोर्गन की अगुआई वाली विश्व चैम्पियन टीम अपना नंबर एक स्थान गंवा देगी।
उन्होंने कहा, हम ड्रेसिंग रूम में इसके बारे में बात नहीं करते। हर चीज विश्व कप में प्रतिस्पर्धी होने की योजना के अंतर्गत की जा रही है और हम इस दौरान अपने कौशल को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 318 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड टी-20 की तरह खेल रही थी। मात्र 10 ओवरों में ही सलामी बल्लेबाजों ने 90 रन बना डाले। यह सिलसिला पहले पॉवरप्ले के बाद भी चलता रहा। ऐसा लग रहा था इंग्लैंड यह मैच बहुत जल्दी और ज्यादा से ज्यादा 2 विकेट खोकर जीत लेगी।
22 ओवर में इंग्लैंड 2 विकेट खोकर 169 रन बना चुकी थी, मतलब आधा लक्ष्य पूरा हो चुका था और आधे से ज्यादा ओवर बाकी थे। यह आंकड़ा कहने के लिए काफी है कि इंग्लैंड का मध्यक्रम कितना कमजोर है जो इतनी बड़ी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सका। इंग्लैंड की पूरी टीम 251 ओवरों में ऑल आउट हो गई और करीब 40 ओवर ही खेल पायी।
खुद कप्तान इयॉन मॉर्गन का यह भारत दौरा बल्लेबाज के तौर पर किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है। वह लागातार तीसरी बार शार्दुल ठाकुर का शिकार बने हैं।(दो बार टी-20 में और 1 बार वनडे में )। मॉर्गन कब आते हैं कब पवैलियन लौट जाते हैं पता ही नहीं चलता।
ऐसा प्रतीत हो रहा था कि इंग्लैंंड का टीम मैनेजमेंट अपने बल्लेबाजों के अति आक्रमक रुख की आलोचना करेगा। लेकिन शायद टीम के मनोबल की खातिर इयॉन मॉर्गन बचाव की मुद्रा में दिख रहे हैं।