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पंत ने नहीं उठाया अवसरों का फायदा, बहस रायुडू के नहीं चुने जाने पर होना चाहिए : गौतम गंभीर

हमें फॉलो करें पंत ने नहीं उठाया अवसरों का फायदा, बहस रायुडू के नहीं चुने जाने पर होना चाहिए : गौतम गंभीर
, मंगलवार, 16 अप्रैल 2019 (20:46 IST)
नई दिल्ली। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि महज 3 असफलताओं के बाद अम्बाती रायुडू को भारत की विश्व कप टीम से बाहर किया जाना दु:खद है, लेकिन ऋषभ पंत को जगह नहीं मिलने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उसने मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया।
 
अनुभवी दिनेश कार्तिक को पंत पर तरजीह दिए जाने की सुनील गावस्कर ने आलोचना की थी और इसे हैरानी भरा फैसला करार दिया था, लेकिन 2007 विश्व टी-20 और 2011 विश्व कप फाइनल के नायक ने कहा कि रायुडू का सोमवार को घोषित टीम में जगह नहीं बना पाना सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
गंभीर ने मंगलवार को यहां साक्षात्कार के दौरान कहा कि मुझे लगता है कि ऋषभ पंत को बाहर किए जाने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए, पर अम्बाती रायुडू का बाहर होना चर्चा का विषय है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सफेद गेंद के क्रिकेट में 48 के औसत वाले खिलाड़ी को जो केवल 33 वर्ष का है, उसे टीम में जगह नहीं दी गई। चयन में किसी अन्य फैसले से ज्यादा दु:खद मेरे लिए यही है।
 
कुछ महीने पहले रायुडू को कप्तान विराट कोहली द्वारा चौथे नंबर के लिए भारत की पहली पसंद बताया जा रहा था,  लेकिन पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में कम स्कोर ने चयनकर्ताओं को पुनर्विचार के लिए मजबूर कर दिया।
 
गंभीर को वेस्टइंडीज में हुए 2007 विश्व कप के लिए नहीं चुना गया था और तब वे खेल को छोड़ने पर विचार करने लगे थे।
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उन्होंने कहा कि मुझे उसके लिए दु:ख होता है, क्योंकि मैं भी 2007 में इसी तरह की स्थिति में था जब चयनकर्ताओं ने मुझे नहीं चुना था और मैं जानता हूं कि विश्व कप के लिए नहीं चुना जाना कितना मुश्किल होता है। आखिरकार हर किसी युवा खिलाड़ी के लिए यह बचपन का सपना होता है कि वह इस बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा बने। इसलिए मुझे किसी अन्य क्रिकेटर से ज्यादा रायुडू के लिए दु:ख हो रहा है जिन्हें नहीं चुना गया।
 
वे पंत के प्रथम श्रेणी क्रिकेट के पहले कप्तान रह चुके हैं और उन्हें लगता है कि उनके नहीं चुने जाने को करारा झटका नहीं कहा जा सकता क्योंकि उसे जो मौके दिए गए, उसने उनका फायदा नहीं उठाया।
 
गंभीर ने कहा कि यह बिलकुल भी करारा झटका नहीं है। यह झटका क्यों है? वे लगातार सफेद गेंद के क्रिकेट का हिस्सा नहीं रहे हैं। उन्हें मौके मिले लेकिन दुर्भाग्य से वे इनका फायदा नहीं उठा सके, इसलिए इसे झटका नहीं कहा जा सकता।
 
उन्होंने कहा कि आपके पास अभी उम्र है, शानदार प्रदर्शन करते रहो। उसे इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। कार्तिक के चयन पर उन्हें लगता है कि वह लगातार वनडे में दूसरे विकेटकीपर के विकल्प में रहे हैं और अनुभव के अलावा यह बात भी उनके पक्ष में गई। 
 
उन्होंने कहा, दिनेश लंबे समय तक सफेद गेंद के क्रिकेट में विकेटकीपर रहा है। शायद उन्हें पंत की तुलना में बेहतर विकेटकीपर के तौर पर देखा गया हो जैसा कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा। उसे भी बेहतर फिनिशर माना जाता है। शायद उन्हें यही लगता है।
 
गंभीर ने कहा, लेकिन अगर आप मुझसे पूछोगे तो मैंने कहा था कि मेरा दूसरा विकेटकीपर संजू सैमसन है क्योंकि मुझे लगता है कि वह अभी सर्वश्रेष्ठ में से एक है। उसमें लंबे समय से नंबर चार पर खेलने की काबिलियत है।

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