नई दिल्ली। पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि गुलाबी गेंद के साथ भारत और बांग्लादेश के कप्तानों को अपने तेज गेंदबाजों को लेकर कुछ नया करना होगा और इसमें अधिक प्रभाव छोड़ने के लिए दूधिया रोशनी में उनका अधिक इस्तेमाल भी शामिल है। भारत और बांग्लादेश अपना पहला दिन-रात्रि टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डन में शुक्रवार से खेलेंगे।
दूधिया रोशनी में खेली गई दुलीप ट्रॉफी 2016 में इंडिया ब्ल्यू की अगुआई करते हुए टीम को फाइनल में ले जाने वाले गंभीर ने कहा, कप्तानों को अब अपने तेज गेंदबाजों का इस्तेमाल अलग तरीके से करना होगा। उन्होंने कहा, लाल गेंद से वे उनका इस्तेमाल सुबह जल्दी करते हैं लेकिन दिन-रात्रि मैचों में संभवत: दूधिया रोशनी में भी उनका इस्तेमाल करना होगा क्योंकि एक बजे मैच शुरू होने की तुलना में तब अधिक मदद मिलेगी।
अब तक हुए 11 दिन-रात्रि टेस्ट में सिर्फ कूकाबूरा और ड्यूक की गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल किया गया है। दुलीप ट्रॉफी के दौरान इस्तेमाल की गई गुलाबी गेंदें भी कूकाबूरा से खरीदी गईं थीं। हालांकि भारत और बांग्लादेश के बीच पहले दिन-रात्रि टेस्ट के दौरान पहली बार एसजी गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा।
गंभीर ने कहा, मैं यह देखने के लिए बेहद रोमांचित हूं कि गुलाबी गेंद कैसा बर्ताव करेगी क्योंकि मैं कूकाबूरा गेंद से खेला हूं और कूकाबूरा एसजी से काफी अलग बर्ताव करती है। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि कलाई के स्पिनरों की गेंद को समझना चुनौती होगी।
उन्होंने कहा, एक चीज मैंने महसूस की कि कलाई के स्पिनर की गेंद को दूधिया रोशनी में समझना बेहद मुश्किल होता था क्योंकि अगर आप गेंद को हाथ में नहीं भांप पाए तो फिर देर हो जाएगी।