क्या IPL 2022 में गेंदबाजी कर हार्दिक पांड्या देंगे फैंस को सरप्राइज?

Webdunia
मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022 (18:02 IST)
अहमदाबाद:नई आईपीएल फ्रेंचाइजी अहमदाबाद के कप्तान चुने गए स्टार भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने उनके 2022 आईपीएल सीजन में गेंदबाजी करने को लेकर कहा है कि यह सभी के लिए सरप्राइज होगा।

हार्दिक ने मंगलार को इस संबंध में सवाल पूछे जाने के जवाब में कहा कि उनकी टीम को पता है कि वह कहां खड़े हैं। उन्होंने इस बारे में सीधा जवाब नहीं दिया, हालांकि उन्होंने अपनी कप्तानी के नजरिए, अपने द्वारा निर्धारित लक्ष्यों और वह अहमदाबाद फ्रेंचाइजी की संस्कृति को कैसे आकार देना चाहते हैं, के बारे में आशावादी होते हुए बातचीत की।

राशिद खान, शुभमन गिल, मुख्य कोच आशीष नेहरा और टीम के मेंटर गैरी कर्स्टन के साथ हार्दिक चाहते हैं कि उनका पक्ष नई विरासतों की गाथा लिखे, क्योंकि फ्रेंचाइजी का लक्ष्य ऊंचाइयों को छुना है।

हार्दिक ने अपनी नई यात्रा के बारे में बताया, “हम शून्य से शुरुआत कर रहे हैं और मुझे लगता है कि हम नई विरासतें बना सकते हैं और नई संस्कृतियां बना सकते हैं जिनका मैं समर्थन करना चाहता हूं। यह एक बहुत ही रोमांचक समय होने जा रहा है।''

आईपीएल और भारत के लिए महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा के नेतृत्व में खेलने के बाद हार्दिक ने जोर देकर कहा कि वह वर्षों से प्राप्त ज्ञान को अमल में लाने के इच्छुक हैं। वह अपने साथी टीम मेट्स के बड़े भाई की तरह बनना चाहते हैं, ताकि अगर कोई खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से हतोत्साहित हो तो वह उन पर भरोसा कर सके।

अहमदाबाद के कप्तान ने कहा, “कप्तान बनना सीखने के लिए कोई नियम नहीं है। मैं हमेशा एक ऐसा इंसान रहा हूं जो जिम्मेदारी लेना पसंद करता है और मैं चुनौती के लिए उत्सुक हूं। एक कप्तान के तौर पर मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि सभी खिलाड़ियों को मुझसे पर्याप्त समय मिले। मैंने यही सीखा है और मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरे दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले रहें।”

हार्दिक ने भारत के आखिरी तीन कप्तानों धोनी, विराट और रोहित के गुणों के बारे में कहा, “मैं विराट से उनकी आक्रामकता, जुनून और ऊर्जा को चुनूंगा, जो जबरदस्त है। माही भाई से मैं उनके रचनात्मक स्वभाव को चुनूंगा और रोहित से मैं उनके खिलाड़ियों को स्वतंत्र तरीके से खेलने देने के स्वभाव को चुनूंगा। ये तीन गुण मैं उनसे लूंगा और मैदान पर लाऊंगा।”

ALSO READ: 24 साल बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में हुई क्रिकेट की वापसी, टी20 फॉर्मेट में हिस्सा लेंगी यह 8 टीमें

हार्दिक की गेंदबाजी पर सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं से कहा है कि वे उन्हें भारत के लिए गेंदबाजी विकल्प के तौर पर न चुनें, क्योंकि इससे उनका गेंदबाजी कार्यभार बढ़ता है, लेकिन अब एक टीम का नेतृत्व मिलने पर उनके कंधे पर अधिक जिम्मेदारी है और इससे इस साल के अंत में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप के मद्देनजर पांड्या की बल्लेबाजी भी सुर्खियों में होगी।

भारतीय ऑलराउंडर ने हालांकि जोर देकर कहा कि वह सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं बनना चाहते हैं और अभी भी गेंद से योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “यह चुनौतीपूर्ण रहा है। मैं हमेशा ऐसा व्यक्ति रहा हूं, जो बल्ले, गेंद और क्षेत्ररक्षण तीनों क्षेत्रों में योगदान देता है। जब मैंने फैसला किया कि मैं सिर्फ बल्लेबाजी करूंगा तो मैं कुछ समय मैदान पर बिताना चाहता था। हम सभी चुनौतियों से प्यार करते हैं और मुझे इससे लड़ना अच्छा लगता है। आलोचना अच्छी है और इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरे लिए परिणाम मायने रखते हैं, लेकिन मैं इस प्रक्रिया के लिए कड़ी मेहनत करता हूं।”

हार्दिक ने कहा, “मैंने हमेशा महसूस किया है कि एक ऑलराउंडर के रूप में मैं टीम को कई विभिन्न विकल्प देता हूं। मैं एक ऑलराउंडर होने पर काम करने की कोशिश करूंगा और अगर कुछ नहीं होता है तो मेरी बल्लेबाजी हमेशा बनी रहेगी, लेकिन बल्ले और गेंद के साथ योगदान देना सिर्फ एक बल्लेबाज होने से बेहतर लगता है। मैं हमेशा एक ऐसा खिलाड़ी रहा हूं जो परिस्थितियों से खेलता है और अगर मुझे कुछ ऐसी जगहों पर जाना है जहां मेरी टीम को मुझसे कुछ लक्ष्यों की जरूरत है तो एक समूह के रूप में हम फैसला करेंगे। मैंने फिलहाल इसके बारे में कोई योजना नहीं बनाई है।”(वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख