Yashasvi Jasiwal Daily Routine : जायसवाल दिनचर्या पर बहुत जोर देते हैं और अपना काम ऐसे तरीके से करते हैं जो उनके शरीर के अनुकूल हो जिससे वह जो भी करते हैं उसमें अच्छा स्वास्थ्य और बेहतर उत्पादकता होती है।
बाएं हाथ के 22 साल के इस बल्लेबाज के दोहरे शतक की दूसरे क्रिकेट टेस्ट में भारत की 106 रन की जीत में अहम भूमिका रही जिससे मेजबान टीम ने पांच मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर कराई।
<
Yashasvi Jaiswal, at the age of 22, has arrived to conquer the world
He becomes the third youngest Indian to achieve a double hundred
— OneCricket (@OneCricketApp) February 3, 2024
async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >
जायसवाल पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ भी दोहरे शतक के करीब पहुंचे थे लेकिन 29 रन से चूक गए।
जायसवाल ने टेस्ट मैच के बाद Jio Cinema से कहा, पिछली बार जब मैंने (वेस्टइंडीज के खिलाफ) 171 रन बनाए थे तो मैं दोहरा शतक बनाना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मैं हमेशा सोचता हूं कि अगर मैं अपनी दिनचर्या पर ध्यान दूं तो रन आएंगे।
उन्होंने कहा, मेरे जीवन में प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है। मैं कितने बजे सोता हूं, क्या खाता हूं, कितना अच्छा अभ्यास करता हूं। मुझे लगता है कि अगर ये सब ठीक रहेगा तो प्रदर्शन भी अच्छा रहेगा।
इस युवा बल्लेबाज ने कहा, जब मैं मैदान पर जाता हूं तो मुझे आत्मविश्वास महसूस होता है क्योंकि मैं जानता हूं कि मैंने कितनी कड़ी मेहनत की है और मुझे बस वहां जाकर खुद को जाहिर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, मैं हमेशा टीम के लिए खेलने की कोशिश करता हूं। पिछले मैच में उन्होंने मुझे कहा था कि मैं जितने चाहे उतने शॉट खेल सकता हूं और मैंने अलग तरह से खेला। यहां मुझे लगा कि विकेट बहुत अच्छा था और अगर मैं धैर्य रखता हूं तो बड़ी पारी खेल सकता हूं। हमने शुरुआत में विकेट खो दिए थे इसलिए मैंने सोचा कि मुझे जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जितना हो सके उतना अधिक समय क्रीज पर टिके रहना चाहिए।
जायसवाल शनिवार को 22 साल और 36 दिन की उम्र में विनोद कांबली और सुनील गावस्कर के बाद टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले देश के तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।