ICC से जारी टेस्ट फंड से क्रिकेट पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा : ग्रेव

WD Sports Desk
शनिवार, 31 अगस्त 2024 (15:55 IST)
Johnny Grave on ICC Test Fund : क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जॉनी ग्रेव ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड (ICC) की ओर से भारत, इंग्लैंड एवं ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड को छोड़कर अन्य देशों के लिए जारी की जाने वाली राशि से टेस्ट क्रिकेट पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
 
रिपोर्टो के अनुसार आईसीसी टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत को छोड़कर अन्य क्रिकेट बोर्ड के लिए अलग से एक समर्पित राशि जारी कर सकती है। इस पहल के प्रणेता क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के अध्यक्ष मार्क बेयर्ड हैं और इस पहल को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) का समर्थन भी हासिल है।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य एक केंद्रीय कोष का निर्माण करना है जिससे तमाम बोर्ड के खिलाड़ियों के लिए एक स्टैंडर्ड मैच फीस सुनिश्चित की जा सके। यह मैच फीस 10 हजार अमेरिकी डॉलर के आसपास हो सकती है।
 
ग्रेव के अुनसार यह पहल टेस्ट क्रिकेट को बचाने में बड़ा कदम साबित नहीं हो पाएगी। वह अक्तूबर 2024 में सीडब्ल्यूआई के सीईओ का पद छोड़ रहे हैं।

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उन्होंने टॉकस्पोर्ट पॉडकास्ट पर कहा, “एक खेल के रूप में क्रिकेट के बारे में एक लीग की तरह सोचना होगा और हर किसी के बिज़नेस मॉडल को भी समझना होगा। बिग थ्री की ओर से टेस्ट फ़ंड एक सकारात्मक पहल है लेकिन मुझे नहीं पता कि प्रति वर्ष डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर की इस राशि से कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं। हम अपने खिलाड़ियों को 10 हज़ार अमेरिकी डॉलर ही देते हैं। इसलिए मैंने सोचा कि इससे टेस्ट क्रिकेट कैसे बदल जाएगा और यह कैसे टेस्ट क्रिकेट को बचा पाने में सक्षम हो जाएगा। वो भी तब जब यह राशि पहले ही हमारे खिलाड़ियों को प्राप्त हो रही है। यह हमारे लिए तो प्रभावी साबित नहीं हो पाएगा।”
 
ग्रेव ने कहा कि प्रस्तावित टेस्ट फ़ंड बिग थ्री की मानसिकता में बदलाव के संकेत हैं जिसके तहत उनके भीतर एक दूसरे के अलावा किसी मजबूत विपक्ष के न होने की इच्छा समाहित थी। ग्रेव के अनुसार 2024 में वेस्टइंडीज का टी20 विश्व कप की मेज़बानी करना और 2027 के एकदिवसीय विश्व कप की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका जिम्बाब्वे और नामीबिया को मिलना बिग थ्री की मानसिकता में आए बदलाव का ही परिचायक है।

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ग्रेव ने कहा, “हमने 2024 में विश्वकप की मेजबानी की वह इसी मानसिकता में बदलाव का सूचक थी। क्योंकि इससे पहले आठ वर्षों में पुरुषों के तमाम बड़े टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत में ही आयोजित किए गए। हमने अमेरिका के साथ इस टूर्नामेंट की मेजबानी की। दक्षिण अफ्रीका, जिबाब्वे और नामीबिया मिलकर एक टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा, न्यूजीलैंड ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड इंग्लैंड के साथ मिलकर एक टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। मानसिकता में आए इस बदलाव का हम स्वागत करते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हम एक टीम के रूप में अपनी सोच विकसित कर पाएंगे। हम यह समझ पाएंगे कि हम सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं और हमें एक दूसरे की जरूरत है। व्यक्तिगत हितों को थोड़ा कम तवज्जो देना खेल के भविष्य के लिए बेहतर होगा।”(एजेंसी)

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Johnny Grave doubts Big 3's $15 million Test fund plan will make much difference https://t.co/Ppr05fkRqo pic.twitter.com/QZmsDaRhz4

— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) August 30, 2024 >

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