खाने को तरस रही राहुल द्रविड़ की अंडर-19 क्रिकेट टीम

Webdunia
बुधवार, 8 फ़रवरी 2017 (15:55 IST)
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को दुनिया का सबसे धनाढ्य क्रिकेट बोर्ड कहा जाता है, लेकिन अगर बोर्ड के होते हुए राहुल द्रविड़ जैसे कोच की अंडर 19 टीम खाने को तरसे तो इसे क्या कहा जाए? 
 
इंग्‍लैंड के खिलाफ इस समय वन-डे सीरीज खेल रही भारत की अंडर-19 टीम को बोर्ड में चल रहे सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि उन्हें खाना भी मुश्किल से मुहैया हो रहा है। 
 
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, टीम के खिलाड़ि‍यों यहां तक कि कोच राहुल द्रविड़ को भी अब तब बोर्ड की ओर से दैनिक भत्ते नहीं मिल पाए हैं। अजय शिर्के के बीसीसीआई सचिव पद से हटने के बाद किसी बोर्ड पदाधिकारी की गैरमौजूदगी के कारण यह स्थिति आई है।  अंडर 19 टीम की यह हालत खराब है और नोटबंदी के फैसले के चलते सप्‍ताह में धन निकासी की तय सीमा ने स्थिति को और खराब कर दिया है। 
 
नोटबंदी के कारण जूनियर टीम के खिलाड़ि‍यों को 6,800 jbw प्रतिदिन का भत्ता नहीं मिल पा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, हालत यह है कि क्रिकेटरों को डिनर के लिए भी अपनी ओरसे भुगतान करना पड़ रहा है। एक बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, हमने तय किया है कि जैसे ही सीरीज खत्‍म होगी, हम 'डीए'  सीधे खिलाड़ि‍यों और सपोर्ट स्‍टाफ के खाते में भेज देंगे। बीसीसीआई में भी कई सारी समस्‍याएं हैं। 
 
भारतीय अंडर-19 टीम के एक सदस्‍य ने बताया कि मैच के दौरान किसी तरह से एक समय के भोजन का इंतजाम मेजबान एसोसिएशन की ओर से किया गया जबकि नाश्‍ते की होटल ने व्‍यवस्‍था की। सबसे बड़ी समस्‍या डिनर की है, हमें मुंबई के ऐसे बड़े होटल में ठहराया गया है जहां सेंडविच की कीमत ही 1500 रुपए के ऊपर है। ऐसे में खिलाड़ि‍यों के पास मैदान पर थकान से भरा दिन गुजारने के बाद बाहर खाना खाने का विकल्‍प ही बचता है। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

WTC Cycle में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन, कुल 10 मैच भी नहीं जीत पाई टीम इंडिया

भारतीय टेस्ट टीम का भविष्य: बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी की

रोहित शर्मा और रविंद्र जड़ेजा आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं

विराट कोहली का 'Ego' प्रॉब्लम? नहीं छोड़ पा रहे ऑफ स्टंप की गेंद, सचिन से सीख लेने का सही वक्त

अर्जुन पुरस्कार मेरा मजाक उड़ाने वालों को जवाब है: पैरा शटलर नित्या

अगला लेख