क्या विराट कोहली एंड टीम को श्रीलंका को हराकर खुश होना चाहिए?

Webdunia
सोमवार, 14 अगस्त 2017 (16:06 IST)
भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका का उसी की धरती पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ में सूपड़ा साफ कर दिया। श्रीलंका में श्रीलंका को हराना बहुत बड़ी बात है, लेकिन क्या श्रीलंका की इस टेस्ट टीम को हराकर सच में भारतीय टीम ने बहुत बड़ा कारनामा किया है? क्रिकेट में कहा जाता है कि जीत तो जीत होती है, चाहे वह किसी भी टीम के खिलाफ ही क्यों न हो। क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक में कमजोर या ताकतवर टीम के खिलाफ जीत के मायने एक जैसे हैं, महत्व एक जैसा है, लेकिन रिकॉर्ड से परे जाकर देखें तो क्या सच में इस जीत पर इतना खुश हुआ जा सकता है? 

कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री की जुगलबंदी की यह पहली सीरीज़ थी और इसका परिणाम ऐसा रहा, जो आज तक भारतीय टीम नहीं कर पाई। विदेशी दौरे पर सीरीज के सभी टेस्ट जीतकर कोहली ने अपना नाम सुनहरी अक्षरों में दर्ज करवा लिया है, लेकिन सवाल फिर वही कि इस श्रीलंका टीम में सचमुच इतना दम था कि वह भारतीय टीम के सामने टिक पाती। 
 
यह वो श्रीलंका टीम है, जो पिछले महीने ही जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के सामने टेस्ट हारते-हारते बची है। यह श्रीलंका टीम कुमार संगकारा, माहेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान जैसे बड़े खिलाड़ियों के रिटायर्ड होने का असर अब तक झेल रही है। हालात यहां तक हैं कि एंजेलो मैथ्यूज़ लगातार हार के परेशान होकर टीम की कप्तानी छोड़ चुके हैं। दिनेश चांदीमल पर कप्तानी का भार है और बहुत से खिलाड़ी युवा हैं। ऐसे में यह टीम आखिर टीम इंडिया के सामने कब तक टिक पाती? हुआ वही जैसा कि सोचा जा रहा था। भारतीय टीम ने श्रीलंका टीम को हर विभाग में ऐसी पटखनी दी कि इस हार का दर्द उसे देर तक रहेगा।
 
70 के दशक में वेस्टइंडीज़ का क्रिकेट की दुनिया पर कब्जा था। उसके गेंदबाज 'काली आंधी' के नाम से पूरी दुनिया के बल्लेबाजों के लिए डरावने सपने की तरह थे। इस दौर में कहा जाता था कि अगर किसी बल्लेबाज को वेस्टइंडीज के तेज़ गेंदबाजों के सामने अपना टेस्ट करियर शुरू करने को कहा जाए तो यह उस बल्लेबाज का दुर्भाग्य होगा। आज के दौर में हम यह कह सकते हैं कि अगर किसी गेंदबाज को भारतीय बल्लेबाजों के सामने अपना करियर शुरू करने को कहा जाए तो यह उस गेंदबाज का दुर्भाग्य होगा। 
 
भारतीय टीम ने श्रीलंका को श्रीलंका में हराकर बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। इन बातों के कोई मायने नहीं कि श्रीलंका क्रिकेट टीम संक्रमण काल से गुजर रही है या युवा खिलाड़ी सीख रहे हैं। जीत आखिर जीत होती है और उसका अपना ही मजा होता है। कोहली की युवा ब्रिगेड ने श्रीलंका से अपना 'विदेशी धरती पर जीतो' अभियान शुरू कर दिया है।
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