भारत ही रोकता है ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ, महिला टीम से पहले पुरुष टीम 3 बार कर चुकी है कमाल

Webdunia
सोमवार, 27 सितम्बर 2021 (15:49 IST)
मकाय में रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे महिला वनडे में भारत ने मेज़बान टीम को रोमांचक मुक़ाबले में दो विकेट से हराया और इस जीत के साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया के चले आ रहे लगातार 26 वनडे मैचों में जीत के वर्ल्ड रिकॉर्ड सिलसिले पर विराम लगा दिया।

एक समय आसान जीत की तरफ़ बढ़ रही भारतीय टीम ने इस मैच में भी मेज़बान टीम को कई मौक़े दे दिए थे, लेकिन आख़िरी लम्हों में दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और फिर विनिंग शॉट लगाने वाली झूलन गोस्वामी ने धैर्य के साथ टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। भारतीय महिला वनडे टीम के इतिहास का ये सबसे बड़ा रन-चेज़ है, साथ ही किसी भी टीम का ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ये दूसरा सर्वश्रेष्ठ चेज़ है।

हालांकि सिर्फ महिला टीम ही नहीं पुरुष टीम भी ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ दो बार रोक चुकी है। अब तो यह लगने लग गया है कि जब जब ऑस्ट्रेलिया लगातार बड़ी जीत का रिकॉर्ड बनाएगी तो उस रथ को सिर्फ भारत ही रोक पाएगा और कोई दूसरी टीम नहीं।

महिला टीम से पहले भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम दो बार यह कारनामा कर पायी है।  यह काम भारतीय क्रिकेट टीम ने 2 बार टेस्ट क्रिकेट में और एक बार वनडे क्रिकेट में कर दिखाया था।

साल 2001, कोलकाता

कौन भूल सकता है साल 2001 का वह टेस्ट जब भारत को फोलोऑन मिला था। कोलकाता का यह टेस्ट राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की पारियों ने बदल कर रख दिया था। भारत ने न केवल सीरीज बराबर की बल्कि 171 रनों से हराकर ऑस्ट्रेलिया के  लगातार चल रहे 17 टेस्ट मैच के विजय रथ को भी रोका। इस मैच में हरभजन सिंह ने हैट्रिक ली थी।

साल 2008 पर्थ

सात साल बाद यह कारनामा भारत ने ऑस्ट्रेलिया में ही कर डाला। सिडनी टेस्ट हारने के बाद टीम अंपायरों के फैसले से बहुत गुस्सा थी। यह गुस्सा निकला पर्थ टेस्ट में जहां टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों के कहर के सामने कंगारु कहीं नहीं टिके। भारत यह टेस्ट 72 रनों से जीत गया और 17 टेस्ट मैचों से अविजित चली आ रही ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया।

साल 2016, सिडनी

साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया विश्वविजेता बनी और साल 2016 में वह लगातार 16 वनडे घरेलू मैदान पर जीत चुकी थी। सिडनी में भारत ने 331 रनों के लक्ष्य का पीछा करके ऑस्ट्रेलिया को यह मैच 6 विकेट से हराया। इस मैच में मनीष पांडे ने शतक जड़ा था।

तीसरा अंपायर नहीं देता नो बॉल तो सीरीज भी होती कब्जे में

महिला टीम ऑस्ट्रेलिया से यह वनडे सीरीज भी अपने कब्जे में कर लेती। हालांकि दूसरे वनडे में तीसरे अंपायर का एक फैसला भारत के खिलाफ गया। अंतिम गेंद पर ऑस्ट्रेलिया को 3 रनों की जरुरत थी और झूलन गोस्वामी की एक गेंद कैरी ने लेग साइ़ड में खेल दी जिसे मंधाना ने कैच कर लिया। लेकिन इसे मैदानी अंपायर ने तीसरे अंपायर के लिए रिफर किया क्योंकि गेंद की उंचाई ज्यादा थी।

रीप्ले में साफ दिख रहा था कि कैरी झुकी हुई हैं और गेंद नीचे की ओर जा रही है लेकिन तीसरे अंपायर ने इसे नॉ बॉल करार दिया और भारत का जश्न मायूसी में बदल गया। ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम गेंद पर 2 रन बनाकर यह मैच जीत लिया।

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