दुबई: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के भविष्य दौरा कार्यक्रम (FTP) में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को लगभग ढाई महीने का समय मिला है। 2023-2027 के इस चक्र में दो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप, आईसीसी के अन्य इवेंट और कई द्विपक्षीय सीरीज़ होंगी। हालांकि इस दौरान टीमों को अवकाश का बहुत कम ही समय मिलेगा।
क्रिकइंफ़ो को मिली जानकारी के अनुसार हर साल मार्च के अंतिम सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक आईपीएल के लिए विंडो दी गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने भी इसके संकेत दिए थे। 2023 से आईपीएल 10 टीमों के बीच होगी और 60 की बजाय कुल 74 मैच खेले जाएंगे। इसके अलावा हर दो साल पर कम से कम 10 मैच बढ़ाए जाने का भी प्रावधान है। 2023 और 2024 में 74 मैच, 2025 और 2026 में 84 और 2027 तक हर साल 94 आईपीएल मैच खेले जाने की संभावना है।
वहीं जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में क्रमशः द हंड्रेड और बिग बैश लीग (BBl) होगा तब दोनों टीमें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलेंगी। हालांकि इस दौरान अन्य टीमें क्रिकेट खेलती रहेंगी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पूरी तरह से नहीं रूकेगा। इसी तरह कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) और बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) के दौरान भी क्रमशः वेस्टइंडीज़ और बांग्लादेश में भी कोई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं होगा। क्रिकेट दक्षिण अफ़्रीका के नई टी20 लीग के लिए भी 2025 और 2026 में जगह तो ख़ाली है, लेकिन 2024 और 2027 में उन्हें इस दौरान कुछ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट भी खेलना होगा।
वहीं पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के लिए भी 2023, 2024 और 2026 में जगह दी गई है, लेकिन 2024-25 में उन्हें पीएसएल के दौरान ही इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट सीरीज़ भी खेलनी होगी। इसके बाद उन्हें न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी एक त्रिकोणीय वनडे श्रृंखला की मेज़बानी करनी है। हालांकि फ़रवरी-मार्च 2025 में ही पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफ़ी की मेज़बानी करनी है, जो कि 1996 विश्व कप के बाद उनका पहला आईसीसी इवेंट होगा।
25 और 26 जुलाई को बर्मिंघम में होने वाले आईसीसी की सालाना मीटिंग के बाद इस एफ़टीपी को औपचारिक तौर पर सार्वजनिक रूप से प्रकाशित किया जाएगा।
आईसीसी की बैठक में रमीज आईपीएल की लंबी अवधि का विरोध करेंगे।
पाकिस्तान का यह पूर्व कप्तान 2023 से शुरू होने वाले एफटीपी (भविष्य दौरा कार्यक्रम) में बीसीसीआई के आईपीएल को ढाई महीने तक करने के फैसले से खफा है। मुंबई में 2008 में हुए हमलों के बाद से आईपीएल में पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी को खेलने की अनुमति नहीं है।
सूत्र ने कहा, पाकिस्तान का रुख साफ है। इसके खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने की अनुमति नहीं है और न ही बीसीसीआई के पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध हैं, इसलिए विस्तारित आईपीएल विंडो का समर्थन करने से उसे क्या फायदा होने वाला है।
आईपीएल में खेलने वाले विदेशी खिलाड़ियों के वेतन का 10 प्रतिशत रकम संबंधित बोर्ड को मिलता है और पीसीबी चाहता है कि अगर दूसरे क्रिकेट बोर्ड को इसका वित्तीय लाभ हो रहा है तो उसे इससे अलग नहीं किया जाना चाहिये।