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बुमराह ने खोला सफलता का राज

हमें फॉलो करें बुमराह ने खोला सफलता का राज
पल्लेकेल , सोमवार, 28 अगस्त 2017 (17:24 IST)
पल्लेकेल। भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा कि हर नए मैच में कुछ नया सीखने की धुन से उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने में मदद मिली। श्रीलंका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच में 27 रन देकर पांच विकेट लेकर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बुमराह ने कहा कि उन्होंने मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसित मलिंगा से काफी कुछ सीखा।
 
भारत की छ: विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाने वाले बुमराह ने कहा कि ‘गेंदबाज होने के नाते आपको हमेशा कुछ नया सीखना होता है और मेरा हमेशा यही उद्देश्य रहता है। मैं पहली बार श्रीलंका के दौरे पर आया हूं और इससे पहले मैं कभी यहां नहीं खेला था इसलिए भिन्न परिस्थितियों में खेलना हमेशा चुनौती होती है।’ 
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ऐसा (लगातार सीखना) करता हूं और सीनियर खिलाड़ियों से सवाल करता रहता हूं क्योंकि उन्हें अपार अनुभव है। एक गेंदबाज के तौर पर मेरे अंदर यह मूल बदलाव आया क्योंकि मैं अब हमेशा कुछ सीखता हूं। जब आप युवा होते हो तो आप नहीं जानते कि आपको कहां जाना है और क्या करना है।’
 
मालिंगा जैसे गेंदबाजों के नियमित संपर्क में रहने से भी एक तेज गेंदबाज के रूप में आगे बढ़ने में उन्हें मदद मिली। बुमराह ने कहा कि जब मैं 2013 में 19 साल का था तब वह मुंबई इंडियन के साथ थे। मैं तो तब काफी युवा था जिसने प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी नहीं खेली थी इसलिए उनसे बात करना और उनसे सीखना बहुत उपयोगी रहा। मैंने पिछले तीन चार वर्षों में उनसे काफी कुछ सीखा है। मेरा मानना है कि जो भी ज्ञान आप प्राप्त करते हो वह बहुत महत्वपूर्ण होता है।’
 
बुमराह ने भारतीय टीम में कई भूमिकाएं निभायी हैं। शुरू में वह पहले बदलाव के गेंदबाज के तौर पर गेंद संभालते थे, वह डेथ ओवरों के विशेषज्ञ बने और अब भुवनेश्वर कुमार के साथ लगातार नई गेंद संभाल रहे हैं। इस तेज गेंदबाज को मैच में किसी भी समय गेंदबाजी करने में कोई परेशानी नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि टीम की सफलता में योगदान देने में मुझे खुशी होती है। अगर टीम चाहती है कि मैं पहले बदलाव के तौर पर गेंदबाजी करूं तो मुझे ऐसा करने में खुशी होगी। अगर टीम चाहती है कि मैं नई गेंद से गेंदबाजी करूं तो मैं उसमें भी खुश हूं।
 
बुमराह ने कहा कि मैं पहले भी नई गेंद से गेंदबाजी कर चुका हूं जब मैं टी20 प्रारूप में भारतीय टीम में आया था। मैंने आशीष (नेहरा) भाई के साथ नई गेंद साझा की थी। मुझे लगता है कि समय के साथ आप सीख जाते हैं कि नई गेंद के साथ कैसी गेंदबाजी करनी है।’
 
उन्होंने कहा कि  मैं गुजरात और आईपीएल में भी पहले बदलाव के गेंदबाज के रूप में गेंदबाजी करता रहा हूं। मुझे वहां से भी थोड़ा अनुभव मिला। चाहे आप नई गेंद संभालो या पुरानी, टीम की सफलता में योगदान देकर हमेशा अच्छा लगता है।’ बुमराह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने के लिए एक गेंदबाज को लगातार खुद को बेहतर बनाना होता है क्योंकि अगर आप एक ही रणनीति पर कायम रहते हैं तो बल्लेबाज उसे समझ लेंगे।
 
उन्होंने कहा कि इसलिए आपको खुद का विकास करते रहने होगा। आपको खुद को परिस्थितयों के अनुसार ढालना पड़ेगा क्योंकि अगर आप केवल एक चाल पर निर्भर रहते हैं तो एक निश्चित समय के बाद आपकी वह चाल नहीं चल पाएगी। (भाषा)


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