नाटिंघम: जिन्होंने इंग्लैंड द्वारा अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने के लिए प्रोत्साहित करने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि यह टीम के टेस्ट भविष्य को प्रभावित करेगा, उन्हें अपने इस दावे पर दोबारा विचार करने की ज़रूरत है। ट्रेंट ब्रिज में अपनी धुआंधार पारी की बदौलत इंग्लैंड को सीरीज़ की लगातार दूसरी जीत दिलाने वाले जॉनी बेयरस्टो ने आलोचकों को यही संदेश दिया है।
सीरीज़ के आगाज़ के कुछ ही दिन पहले बेयरस्टो इंग्लैंड आए थे। पंजाब किंग्स के साथ दो महीने व्यतीत करने से पहले बेयरस्टो ने मार्च महीने में ही फ़र्स्ट क्लास मैच खेला था। लेकिन नॉटिंघम के अंतिम सत्र में बेयरस्टो ने सीमित ओवरों में अपनी आक्रामक शेली का प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को जीत दिला दी। 38 ओवरों में 160 रनों के लगभग असंभव प्रतीत होने वाले लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने एक-एक कर सभी गेंदबाज़ों पर प्रहार किया और 22 ओवर शेष रहते ही यह मुक़ाबला अपनी टीम के नाम करने में क़ामयाबी भी हासिल कर ली।
इस पारी के साथ ही पूरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के अप्रोच के परिणामस्वरूप लगभग 1700 रन बने। यह एक घोषणापत्र की तरह था कि इंग्लैंड बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम की अगुवाई में एक ऐसा खेल खेलना चाहती है जिसमें हर खिलाड़ी को अपनी मज़बूती पर खेलने की अनुमति हो।
बेयरस्टो को इसमें कोई संदेह नहीं था कि उनकी पारी, टेस्ट में एक अंग्रेज़ द्वारा दूसरा सबसे तेज़ शतक, उच्च दबाव वाली स्थितियों से निपटने की क्षमता पर आधारित थी, जो कि प्रतिस्पर्धा करते समय सबसे हाई-प्रोफ़ाइल टी 20 लीग आईपीएल में आम है।
आईपीएल खेलने के संबंध में बात करते हुए बेयरस्टो ने कहा, "काफ़ी लोगों ने कहा था कि मुझे आईपीएल के बजाय काउंटी क्रिकेट खेलना चाहिए।निर्णय निर्णय होते हैं और अगर मैं कह सकता हूं कि मैं क्या चाहता था ... लेकिन इसमें कुछ तत्व भी हैं जहां आप आईपीएल में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ खेल रहे हैं। इसलिए उन गियर को प्राप्त करने में सक्षम होना, उन्हें स्विच अप और स्विच डाउन करने में सक्षम होने के लिए महत्वपूर्ण है।"
बेयरस्टो ने कहा, "हां, लोग कहते हैं कि यदि आप लाल गेंद के चार मैच खेले होते तो यह वाक़ई शानदाऱ होता लेकिन दुर्भाग्य से, दुनिया भर में मौजूद शेड्यूलिंग के कारणवश ऐसा संभव नहीं हो पाता। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ कुछ बेहतरीन प्रतियोगिताओं में खेलने में सक्षम हैं। इसलिए जब दबाव की स्थितियों की बात आती है, तो जितना अधिक आप उन दबाव स्थितियों में खुद को रखने में सक्षम होते हैं, उतना ही बेहतर होता है।क्योंकि यह उन स्थितियों की तरह होता है जिनसे आप अतीत में गुज़रे हैं - चाहे वह आईपीएल में हो, चाहे वह एकदिवसीय क्रिकेट में हो, चाहे वह लाल गेंद वाले क्रिकेट में हो। आप प्रदर्शन करने में सक्षम हैं जैसे हमने एक समूह के रूप में इस और पिछले मैच में किया है और उम्मीद है कि आगे यह ऐसे ही बढ़ता रहेगा।"
मैदान में जाना और "खेल को बदलने" की कोशिश करना मैकुलम का सरल निर्देश रहा है, लॉर्ड्स में जहां बेयरस्टो ने भी 277 रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड के अन्य बल्लेबाज़ों के साथ आक्रमण किया।बाद में इंग्लैंड के नए टेस्ट कोच का संदेश था, "यदि आप 20 मिनट के लिए उसी तरह बल्लेबाज़ी करते हैं, तो आप विपक्षी टीम की कमर तोड़ सकते हैं"। इंग्लैंड के लिए भले ही 72 ओवरों में 299 रनों का लक्ष्य हासिल करने की चुनौती पांचवें दिन की पिच पर स्पष्ट रूप से कठिन थी लेकिन बेयरस्टो ने कहा कि इंग्लैंड बेफ़िक्र था।
नए दौर में प्रवेश कर रही इंग्लैंड की टीम पर बात करते हुए बेयरस्टो ने कहा, "मै बेन और ब्रेंडन के साथ नई यात्रा के लिए काफ़ी उत्साहित हूं। हालांकि मैंने यह बात भी कई दफ़ा कही है कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोविड के दौरान जो (रूट) और क्रिस (क्रिस सिल्वरवुड, पूर्व कोच) ने कितना कठिन कार्य किया है।मैं बेन और ब्रेंडन के दृष्टिकोण को लेकर बेहद उत्साहित हूं, जिस तरह से हम क्रिकेट खेल रहे हैं, वह आनंद जो हर किसी को मैदान पर मिल रहा है। लेकिन यह भी जीने के थोड़े अधिक सामान्य तरीके और जीवन शैली में वापस जाने के साथ आता है।"(वार्ता)