लंदन: एशेज़ के बाद नाटकीय रूप से टीम से बाहर किए जाने के बाद तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने जो एक चीज़ सीखी है वह है अगले मैच से अधिक किसी भी बात के बारे में ना सोचना। स्टुअर्ट ब्रॉड की ख़ुद को यह सलाह है कि वह इस मुक़ाबले को अपने घरेलू मैदान पर अपने आख़िरी टेस्ट मुक़ाबले के तौर पर ना देखें।
हालांकि नॉटिंघम में अगले साल इंग्लैंड टीम का कोई टेस्ट मैच निर्धारित नहीं है लेकिन न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 2-0 की अजेय बढ़त लेने की ताक में लगी इंग्लैंड टीम के सदस्य ब्रॉड और जेम्स एंडरसन साथ में लय में आने का लुत्फ़ उठा रहे हैं जिन्हें वेस्टइंडीज़ दौरे पर टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
आज और अभी में जी रहे हैं स्टुअर्ट ब्रॉड
ब्रॉड ने कहा, "होबार्ट के बाद और सर्दियों के दौरान मेरी सोच में काफ़ी परिवर्तन आया है। मैं बहुत आगे की सोचने का प्रयास नहीं कर रहा हूं। मेरा ध्यान सिर्फ़ हर हफ़्ते का आनंद उठाने और अगले हफ़्ते के लिए ख़ुद को वापस तैयार करने पर है। जिमी (एंडरसन) इस वर्ष 40 के हो रहे हैं। चार साल पहले, 2018 में क्या वह यह सोच रहे थे कि ओल्ड ट्रैफ़र्ड में वह अपना आख़िरी टेस्ट मैच खेल रहे हैं? संभवतः नहीं। इस तरह की सोच सिर्फ़ आपसे उस हफ़्ते के आनंद को छीन लेती है। इस सीज़न की शुरुआत मैंने यह सोच कर नहीं की कि मुझे आगे इंग्लैंड की शर्ट पहनने का अवसर मिल पाएगा या नहीं। मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ हर दिन का लुत्फ़ उठा रहा हूं।"
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में इंग्लैंड की पांच विकेटों से जीत दस टेस्ट मैचों के बाद आई थी और यह नए कप्तान बेन स्टोक्स और टेस्ट के नए मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम के साथ नए दौर में प्रवेश करने की शुरुआत थी। इससे पहले इंग्लैंड पिछले साल अगस्त महीने में हेडिंग्ले में भारतीय टीम के ख़िलाफ़ जीत दर्ज की थी।
पहले टेस्ट में मिली जीत के बाद इंग्लैंड खेमे के माहौल के बारे में ब्रॉड ने कहा, "एक टीम के तौर पर यह हमारे लिए मज़ेदार हफ़्तों में से एक था। आरामदायक माहौल, जिस तरह से हम एक टीम के रूप में बात कर रहे थे। जिस तरह से हमने टारगेट को भेदा वह हमारी मानसिकता को दर्शाता है। चीज़ें हमारे पक्ष में गईं, नो बॉल इसे एक अलग खेल बना देता है।" ब्रॉड उस नो बॉल की बात कर रहे थे जो कॉलिन डि ग्रैंडहोम ने सिर्फ़ एक रन के निजी स्कोर पर खेल रहे स्टॉक्स को फेंकी थी और वह उस गेंद पर बोल्ड हो गए थे।
ब्रॉड पहली बार स्टोक्स की कप्तानी में खेल रहे थे। उन्होंने नए दौर में प्रवेश कर रही इंग्लैंड टीम के संबंध में कहा, " जीत के साथ स्टोक्स-मैकुलम दौर की शुरुआत हमारे लिए काफ़ी बड़ी है। 277 रनों के लक्ष्य का पीछा करना एक समूह के तौर पर हमारे लिए काफ़ी अच्छा है। मुझे नहीं लगता कि लॉर्ड्स में आने वाला कोई भी व्यक्ति इस बात से इनकार कर सकता है कि उसने लुत्फ़ उठाया।"
जो रूट से नहीं बिगड़े हैं संबंध
ब्रॉड ने पूर्व कप्तान जो रूट के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों पर बात करते हुए कहा, "जो ने जब कप्तानी छोड़ी तो मेरी उनसे बात हुई थी। मैंने उन्हें बताया था कि वह एक कप्तान के तौर पर मेरे लिए कितना मायने रखते थे और उनकी कप्तानी में खेलना कितने सम्मान की बात थी। मैंने उन्हें कहा था कि वह अब बिना किसी दबाव के खेल सकते हैं और मुझे उम्मीद है कि वह अगले कुछ साल भरपूर आनंद लेते हुए खेलेंगे। जो और मैं बहुत अच्छे मित्र हैं, मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो पेशे और रिश्तों को अलग रखता है। मैं किसी से इसलिए ख़फ़ा नहीं हो सकता कि उसने मुझे टीम में क्यों नहीं चुना, यह बेहद दयनीय है।"
ब्रॉड इस महीने 36 वर्ष के होने वाले हैं, रूट के कप्तानी छोड़ने के बाद वह कप्तानी के लिए एक विकल्प हो सकते थे अगर टीम में उनकी जगह सुरक्षित होती। हालांकि न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट के दौरान वह मैदान के भीतर और बाहर कप्तान की भूमिका में ज़रूर नज़र आए। उन्होंने लॉर्ड्स में मौजूद दर्शकों के जोश को तब बढ़ा दिया जब उन्होंने तीसरे दिन अपनी तीन गेंदों से मैच में नाटकीय मोड़ ला दिया। ब्रॉड ने शतकवीर डेरिल मिचेल को पवेलियन भेजने पर मजबूर किया, डि ग्रैंडहोम के विरुद्ध लेग बिफ़ोर की असफल अपील के दौरान उन्हें रन आउट करवाने के बाद ब्रॉड ने काइल जेमीसन को शून्य के स्कोर पर बोल्ड कर दिया।
लॉर्ड्स टेस्ट में अपने प्रदर्शन को लेकर ब्रॉड ने कहा, "कल मैं शायद अपने अनुभव का भरपूर उपयोग यह सोचकर कर पा रहा था कि टीम को यहां क्या चाहिए। हालांकि इससे अधिक दबाव आता है लेकिन मुझे यह दबाव काफ़ी पसंद है।"
"लोग कहते हैं कि देश में ट्रेंट ब्रिज और एजबैस्टन में टेस्ट का सबसे अच्छा माहौल होता है। लॉर्ड्स में वास्तव में दिलचस्प जीत के बाद, यह देखना चाहिए कि जो लोग ट्रेंट ब्रिज की ओर जा रहे हैं, उनमें आने वाले समय को लेकर बहुत उत्साह है।"(वार्ता)