अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में केएल राहुल का बतौर कप्तान इस साल बहुत ही बुरा हाल रहा है। जनवरी माह में केएल राहुल ने 3 वनडे मैचों की कप्तानी की और तीनों में ही टीम इंडिया को हार मिली।
चोट के कारण दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज़ में भारत की कप्तानी का मौका गंवाने वाले लोकेश राहुल ने कहा कि "इसे स्वीकार करना मुश्किल है" और वह "घर पर टीम की अगुवाई करने का मौका गंवाकर" दुखी हैं।
हालांकि इसका दूसरा पहलू यह भी हो सकता है कि केएल राहुल ने जिस टीम के खिलाफ बतौर कप्तान 3 मैच हारे थे वह टीम दक्षिण अफ्रीका ही थी। एक तरह से यह केएल राहुल के लिए जीवनदान भी साबित हो सकता है।अगर वनडे के बाद ऐसा ही हाल टी-20 में होता तो पूरा ठीकरा केएल राहुल के सिर पर ही फूटता।
राहुल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू टी20 श्रृंखला से दाईं ग्रोइन की चोट के कारण बाहर हो गए हैं। अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति ने श्रृंखला के लिए विकेटकीपर रिषभ पंत को कप्तान और हार्दिक पांड्या को उप-कप्तान चुना है।
हालांकि अगर केएल राहुल फिट होते तो यह उनके लिए एक अनोखा अवसर होता। वह पहली बार भारतीय जमीन पर एक कप्तान के तौर पर उतरते लेकिन ऐसा हो ना सका। इसकी कसक उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ शब्दों के माध्यम से कही।
केएल ने बुधवार को ट्वीट किया, "स्वीकार करना मुश्किल है लेकिन मैं आज एक और चुनौती शुरू कर रहा हूं। घर पर पहली बार टीम की कप्तानी नहीं करके दुखी हूं, लेकिन टीम को मेरा पूरा समर्थन है। आपके समर्थन के लिए सभी का दिल से धन्यवाद। ऋषभ और टीम को श्रंखला के लिये शुभकामनाएं। जल्द ही मिलते हैं।"
केएल राहुल के अलावा कुलदीप यादव को चोट के कारण टीम से बाहर हो गये हैं।चयन समिति ने केएल राहुल और कुलदीप यादव की जगह लेने के लिये खिलाड़ियों की घोषणा नहीं की है। दोनों खिलाड़ी यहां से राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) जाएंगे जहां मेडिकल टीम उनकी चोट की जांच करेगी और आगे के इलाज की कार्रवाई निर्धारित करेगी।
हालांकि केएल राहुल और चोट का अब चोली दामन का साथ हो गया है। इस साल की यह तीसरी टी-20 सीरीज है जो वह चोट के कारण नहीं खेल पाएंगे। इस साल टी 20 विश्वकप भी होना है इस कारण उनकी फिटनेस ना केवल बोर्ड बल्कि फैंस के लिए भी चिंता का विषय है।