केएल राहुल के लिए आज का दिन यादगार रहा। वैसे तो बोर्ड से केएल राहुल को नए साल के जश्न से पहले ही वनडे की कप्तानी का तोहफा मिल गया था। लेकिन आज उनको किस्मत से टेस्ट की कप्तानी भी मिल गई।
विराट कोहली को पीठ में दर्द था और क्योंकि उप कप्तान केएल राहुल थे तो केएल राहुल को कप्तानी मिली और गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को उपकप्तानी। कप्तानी मिलने के बाद केएल राहुल ने सिक्के की उछाल को भी जीता।
टॉस जीतकर केएल राहुल ने बल्लेबाजी चुनी। पहले घंटे में मयंक अग्रवाल के साथ 36 रनों की साझेदारी की और नई गेंद का खौफ समाप्त किया। हालांकि इसके बाद एक छोर पर खड़े हुए केएल राहुल ने विकटों का पतझड़ देखा।
पहले सत्र के समय केएल राहुल 74 गेंदो पर सिर्फ 19 रन बनाकर पवैलियन लौटे। दूसरे सत्र में उन्होंने थोड़ा ध्यान रन गति पर दिया। इस बीच उन्होंने विहारी को भी आउट होते हुए देखा।
पिछले मैच के हीरो लुंगी एनगिदी ने उन्हें हनुमा विहारी को आउट करने का मौका भी बनाया, लेकिन नौ रन के स्कोर पर प्वाइंट के क्षेत्र में तेम्बा बावुमा से उनका कैच छूट गया। इसके बाद कैगिसो रबादा ने उछाल का फायदा उठाते हुए हनुमा विहारी को शिकार बनाया जो तीन चौकों की मदद से 53 गेंदों पर 20 रन बना कर आउट हुए। उन्होंने लंच के बाद अपने खाते में 11 रन और जोड़े।
इस बीच कप्तान लोकेश राहुल ने 128 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, हालांकि अपने 13वें टेस्ट अर्धशतक के तुरंत बाद उन्होंने मार्को जेनसन के तीखे बाउंसर पर अपना विकेट गंवा दिया। राहुल पुल शॉट खेलने के लिए गए, लेकिन गेंद फाइन लेग की ओर चली गई और रबादा ने आसान कैच पकड़ राहुल को चलता किया। भारत का 116 के स्कोर पर यह पांचवां विकेट था। कप्तान नौ चौकों की मदद से 133 गेंदों पर 50 रन बना कर आउट हुए।
पहले सत्र में भारत ने 53 रनों पर 3 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि भारत ने दूसरे सत्र में कप्तान राहुल और हनुमा विहारी का विकेट गंवाया लेकिन 93 रन भी बनाए।
भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन चाय तक सोमवार को यहां पांच विकेट पर 146 रन बनाए। चाय के समय ऋषभ पंत 13 जबकि रविचंद्रन अश्विन 24 रन बनाकर खेल रहे थे। दक्षिण अफ्रीका की ओर से डुआने ओलीवियर और मार्को जेनसन ने दो-दो विकेट चटकाए।
मेजबान दक्षिण अफ्रीकी दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच के पहले दिन सोमवार को दूसरे सत्र में भी भारत पर हावी रहा। भारतीय टीम ने चाय काल तक दो और विकेट खोते हुए पांच विकेट के नुकसान पर 146 रन बनाए।दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने भारतीय खिलाड़ियों को नियंत्रण में रखने के लिए पिच से मिल रही उछाल का इस्तेमाल किया।