नई दिल्ली: पिछले साल सितंबर में संयुक्त अरब अमीरात में कोलकाता नाइट राइडर्स के अभ्यास सत्र के दौरान जब कुलदीप यादव क्षेत्ररक्षण कर रहे थे तो वह नहीं जानते थे कि कुछ ही सेकेंड में घुटना मुड़ने से उन्हें इतने दिनों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ेगा।
दुबई में अभ्यास केंद्र पर मौजूद लोग उनकी हालत देखकर डर गये थे क्याोंकि वह दर्द से कराह रहे थे और उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया।एक हफ्ते के अंदर मुंबई में उनके घुटने की सर्जरी की गयी जिसके बाद उनके प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी में लगने वाले समय का अंदाजा नहीं था।
वह भारतीय टीम में अपनी वापसी के बाद प्रार्थना करने के लिये गुरूवार को अपने परिवार के साथ मथुरा गये। कुलदीप को भारतीय टीम में वापसी के लिये लंबा इंतजार करना पड़ सकता था क्योंकि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के चलते रणजी ट्राफी को स्थगित कर दिया है जिसमें उन्हें उत्तर प्रदेश की अगुआई करनी थी।
कुलदीप के प्रदर्शन पर नजर डालें तो सबसे खास बात जिस कारण उन्होंने चयनकर्ताओं को उन्हें शामिल करने पर मजबूर कर दिया वह यह है कि उन्होंने वनडे क्रिकेट में दूसरे पॉवरप्ले (11 से 40वें ओवर के दौरान पिछले 3 साल में सर्वाधिक 68 विकेट लिए हैं। इस फहरिस्त में चहल तीसरे स्थान पर हैं।
साल 2017 में ही तीनों फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले कुलदीप ने अब तक 65 वनडे में 107, 7 टेस्ट में 26 तो 23 टी-20 में 41 विकेट चटकाए हैं।
अगर उनके आईपीएल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो वह थोड़े फीके नजर आते हैं। उन्होंने अब तक 45 मैचों में सिर्फ 40 विकेट लिए हैं।
भज्जी ने कहा कुलदीप पर भरोसा बनाए रखो
भारत के महान स्पिनरों में से एक हरभजन सिंह से जब कुलदीप से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा, कुलदीप के लिये आगे की डगर काफी मुश्किल होगी। उसके पास चोट से वापसी के बाद कोई भी उचित घरेलू मैच नहीं है और ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करना आसान नहीं है।
उन्होंने कहा, वह सर्जरी से पहले भी नियमित रूप से नहीं खेल रहा था और जब आप सीमित ओवरों की क्रिकेट में वापसी करते हो तो सबसे पहले आपके दिमाग में बस एक बात होती है, मेरी गेंद पर बल्लेबाज हिट नहीं करे।
हरभजन ने कहा, इसलिये यह एक संतुलन बनाने की बात है क्योंकि आप साफ तौर पर कई तरह की असुरक्षा से निपट रहे होते हो। यह मानसिक मजबूती और संयम का परीक्षण होता है।
उन्होंने कहा, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं। अगर उसे शुरूआती एक दो विकेट मिल जाते हैं तो वह एक अलग ही गेंदबाज होगा लेकिन हो सकता है चीजें योजना के अनुसार नहीं चलें। उसे लय हासिल करने में कुछ समय लग सकता है।
हरभजन ने कहा, पर मेरा सुझाव यही होगा कि अगर आपने पिछले प्रदर्शन को देखकर उस पर भरोसा दिखाया है तो उसे काफी समय दीजिये और उस पर भरोसा दिखाइये। वह ऐसा गेंदबाज है जो भारत के लिये अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने अपवाद स्वरूप कुलदीप को मैच फिटनेस साबित किये बिना ही टीम में शामिल कर लिया है क्योंकि इस समय कोई घरेलू क्रिकेट नहीं हो रहा है और ऐसा खिलाड़ियों के साथ कम ही होता है।
बचपन के कोच ने माना कुलदीप को मजबूत
कुलदीप के बचपन के कोच कपिल पांडे ने इस कलाई के स्पिनर को नौ साल की उम्र से तराशा है।उन्होंने कहा, मेरा लड़का (कुलदीप) मानसिक रूप से काफी मजबूत है। उसके कौशल में मामूली सी भी कमी नहीं आयी है। हां, वह जितनी गेंदबाजी करेगा, उतना ही सुधार करेगा।
यह पूछने पर कि सर्जरी के बाद वापसी के दौरान वह प्रत्येक दिन कितने ओवर गेंदबाजी कर रहा था तो उन्होंने कहा कि तीन अभ्यास मैचों में उसने एक दिन में 15 से 20 ओवर तक गेंदबाजी की।