वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत में होने वाले टी-20 मैचों और ऑस्ट्रेलिया दौरे की टी-20 टीम में महेन्द्र सिंह धोनी को नहीं चुने जाने से क्रिकेट प्रशंसकों को बड़ा झटका लगा है। क्रिकेट जानकार टीम इंडिया के पूर्व कप्तान माही को नहीं चुने जाने के कई कारण बता रहे हैं। प्रशंसकों को यह डर भी सता रहा है कि धोनी कहीं विश्व कप 2019 से पहले क्रिकेट से संन्यास न ले लें, जिस तरह उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से लिया था।
धोनी के घरेलू मैचों और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं चुने जाने के पीछे जानकारों का कहना है कि पिछले एक वर्षों में धोनी बल्लेबाजी से कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। धोनी के बल्लेबाजी के फार्म पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
वर्ष 2018 की बात करें तो इस साल धोनी ने 70.47 के स्ट्राइक से रन बनाए हैं। एक कैलेंडर ईयर में यह उनका सबसे खराब प्रदर्शन है। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज भी है, जिसमें धोनी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए।
इंग्लैंड दौरे की बात करें तो उन्होंने दो वनडे पारियों में बल्लेबाजी की और वहां उनका स्ट्राइक रेट 63.20 रहा। हो सकता है उनके इंग्लैंड दौरे और वेस्टइंडीज के प्रदर्शन को देखते हुए ही चयनकर्ताओं ने यह फैसला लिया हो। उनकी जगह टीम में शामिल किए गए ऋषभ पंत ने शानदार प्रदर्शन किया है। चयनकर्ता उन्हें धोनी के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।
इंग्लैंड दौरे पर ऋषभ ने कमाल का प्रदर्शन किया। चयनकर्ता उन्हें वनडे में भी आजमा रहे हैं। ऐसे में उन्हें टी-20 फॉर्मेट में भी मौका दिया गया है। पंत एक युवा क्रिकेटर हैं। चयनकर्ता उनमें भविष्य का एक उभरता हुआ सितारा देख रहे हैं। धोनी की खराब बल्लेबाजी से भी अब कई प्रश्न उठने लगे हैं, लेकिन धोनी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि वे बेहतरीन वापसी करेंगे।