धोनी के संन्यास पर साहा ने दिया यह बयान

Webdunia
शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (16:50 IST)
बेंगलुरु। भारत के विशेषज्ञ टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा है कि 5 दिवसीय प्रारूप से महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के कारण पैदा हुई कमी की भरपाई मुश्किल है, क्योंकि यह पूर्व कप्तान लंबे समय तक मैच विजेता रहा।
चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारतीय टीम के ट्रेनिंग सत्र के बाद साहा ने कहा कि धोनी भाई के संन्यास के बाद विकेटकीपर के रूप में उनकी जगह लेना आसान नहीं था, क्योंकि उन्होंने हमारे लिए कई मैच जीते हैं। विश्व क्रिकेट में उनका दबदबा रहा है तथा वे धोनी की तरह टीम के लिए योगदान देने का प्रयास कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं वही करने का प्रयास कर रहा हूं, जो धोनी भाई ने हमारे लिए किया। यह बल्ले से योगदान देने के अलावा अहम लम्हों पर कैच लेकर और स्टंपिंग करके योगदान देते हुए मैच जिताना है। साहा ने कहा कि उन्हें जब भी मौका मिलेगा वह धोनी से बात करके उनकी सलाह लेंगे।
 
उन्होंने कहा कि प्रत्येक संभव मौके पर हम हमेशा एक-दूसरे से बात करते हैं। हम एक-दूसरे से बात करते हैं, जैसे हमने आईपीएल और भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान किया। उन्होंने मुझे अहम गुर सिखाए कि कैसे उछाल लेती पिचों पर विकेटकीपिंग करनी है और बल्लेबाजी करते हुए दबाव से निपटना है। धोनी ही नहीं, मैं अन्य खिलाड़ियों से भी बात करता हूं। 
 
साहा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वे वेस्टइंडीज दौरे पर बल्ले से बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे, क्योंकि पिछली श्रृंखला में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं था। टीम ने पिछले 1 साल में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मेरी व्यक्तिगत प्रगति बेहतर हो सकती थी और वेस्टइंडीज में मौके का पूरा फायदा उठाऊंगा।
 
साहा ने कहा कि वे टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए टीम के लिए लगातार 70 रन के आसपास का अच्छा स्कोर बनाने की कोशिश करेंगे। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करना पसंद है, क्योंकि इससे टीम को कुछ अहम रन जुटाने और अच्छा स्कोर खड़ा करने में मदद मिली है तथा अहम समय में जरूरी रन जुटाने से अच्छा स्कोर खड़ा करने में मदद मिलती है। (भाषा)
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

WTC Cycle में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन, कुल 10 मैच भी नहीं जीत पाई टीम इंडिया

भारतीय टेस्ट टीम का भविष्य: बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी की

रोहित शर्मा और रविंद्र जड़ेजा आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं

विराट कोहली का 'Ego' प्रॉब्लम? नहीं छोड़ पा रहे ऑफ स्टंप की गेंद, सचिन से सीख लेने का सही वक्त

अर्जुन पुरस्कार मेरा मजाक उड़ाने वालों को जवाब है: पैरा शटलर नित्या

अगला लेख