इस पूर्व भारतीय स्पिनर के नाम पर रखा गया था मांकड़िग रन आउट का नाम (Video)

Webdunia
रविवार, 25 सितम्बर 2022 (16:35 IST)
पहले आर अश्विन तो कल दीप्ति शर्मा ने गेंद डालने से पहले दूसरे छोर के बल्लेबाज को रन आउट करके खेल जगत में जीत और खेल भावना से जुड़ी बहस छेड़ दी। दरअसल यह तरीका भारत के ही एक स्पिनर द्वारा इजात किया गया है, इस कारण रनआउट के इस तरीके का नाम भी उनके नाम पर पड़ा है। वीनू मांकड़ ही थे मांकड़िग रनआउट के जनक।

वीनू मांकड़ के नाम पर पड़ा मांकडिंग - रन आउट का एक तरीका

पूर्व भारतीय स्पिनर वीनू मांकड़ (Veenu Mankad) के नाम पर पड़ा रन आउट करने का तरीका क्रिकेट के नियमों के अतंर्गत है लेकिन कुछ इसे खेल भावना के खिलाफ मानते हैं। वीनू मांकड़ ने 1947 में इसी तरीके से ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को आउट किया था।इसके बाद इस रन आउट के तरीके को आज तक मांकडिंग कहते हैं।

एमसीसी के नियम 41.16 के तहत यह नियम निर्धारित है कि नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज यदि गेंद डलने से पूर्व ही क्रीज छोड़ता है तो उसकी बेल्स उड़ाई जा सकती हैं।

ICC Hall Of Fame में हो चुके हैं शामिल

पिछले साल पूर्व भारतीय ऑल राउंडर वीनू मांकड को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। आईसीसी की ओर से भारत के महान ऑलराउंडर्स में से एक मांकड को उनके टेस्ट क्रिकेट में दिए गए योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया था।
 
आईसीसी ने निर्धारित तिथि अनुसार आईसीसी हॉल ऑफ फेम के 10 नए सदस्यों के नामों की घोषणा की थी। भारत के वीनू मांकड के अलावा इन 10 दिग्गज क्रिकेटरों में दक्षिण अफ्रीका के ऑब्रे फॉकनर, ऑस्ट्रेलिया के मोंटी नोबल, वेस्ट इंडीज के सर लेरी कॉन्सटेंटाइन, ऑस्ट्रेलिया के स्टेन मैककेबे, इंग्लैंड के टेड डेक्सटर, वेस्ट इंडीज के डेसमंड हेन्स, इंग्लैंड के बॉब विलिस, श्रीलंका के कुमार संगकारा और जिम्बाब्वे के एंडी फ्लावर शामिल थे।
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"The finest Indian left-arm spinner ever."

The great Vinoo Mankad is inducted into the #ICCHallOfFame 2021  pic.twitter.com/djFdwu8GS9

— ICC (@ICC) June 13, 2021 async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >ऐसा रहा है वीनू मांकड़ का करियर

मांकड के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने 44 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 31.47 के औसत के साथ 2109 रन और लेफ्ट आर्म गेंदबाजी करते हुए 32.32 के औसत के साथ 162 विकेट लिए हैं। उनका सबसे सर्वश्रेष्ठ और प्रसिद्ध प्रदर्शन 1952 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ था, जब उन्होंने बल्लेबाजी में 72 और 184 रन और गेंदबाजी में 97 ओवर फेंके थे। वह अपने टेस्ट करियर के दौरान हर नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले दुनिया के तीन क्रिकेटरों में से एक हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने देश के एक अन्य महान क्रिकेटर और आईसीसी हॉल ऑफ फेम के साथी सदस्य सुनील गावस्कर को मुंबई में कोचिंग दी थी।

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