विकेटकीपरों की चोटों को कम करने के लिए नियम में संशोधन

Webdunia
बुधवार, 12 अप्रैल 2017 (14:35 IST)
लंदन। विकेटकीपरों को मैच के दौरान लगने वाली गंभीर चोटों से बचाने के लिए मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने ‘टीथर वाली बेल’ के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है जिससे स्टंप उखड़ने के समय बेल की दूरी सीमित हो जाएगी।
 
मार्क बाउचर को 2012 में दक्षिण अफ्रीका के इंग्लैंड दौरे पर शुरुआती मैच के दौरान बाईं आंख में गंभीर चोट लगी थी, जब बेल उखड़कर उनकी आंख में लग गई थी। इसके बाद उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी और आखिर में संन्यास लेना पड़ा था।
 
भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम का करियर भी इसी तरह की चोट के कारण खत्म हो गया था। उन्हें 2000 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप मुकाबले में इसी तरह की चोट लगी थी। अनिल कुंबले की गेंद से बेल उखड़कर बल्लेबाज के जूते से लगकर करीम की दाईं आंख में लग गई थी। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी दाईं आंख में पिछले साल जिम्बाब्वे के खिलाफ अंतिम टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में बेल लग गई थी।
 
इन घटनाओं का संज्ञान लेते हुए एमसीसी ने नियम 8.3 में बदलाव करने का फैसला किया जिसके लिए दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन की 2 कंपनियों ने अपने डिजाइन सौंपे हैं जिसमें टीथर लीग बेल होंगी लेकिन इससे बेल गिरने की तेजी और रफ्तार में कोई बदलाव नहीं होगा। (भाषा)
Show comments

रोहित और कोहली का T20I टीम में चयन क्या विश्व कप में भारत को भारी पड़ेगा?

लक्ष्य और चिराग को भारतीय टीम में जगह मिलने से सेन परिवार में खुशी का माहौल

क्या विराट और रोहित दिखेंगे सलामी बल्लेबाजी करते हुए? यह 5 सवाल उठे

धोनी के हस्ताक्षर वाली टीशर्ट आज भी दिल के करीब संजोकर रखी है सुनील गावस्कर ने

तुम लोग कुछ भी कहो, मैं नहीं रुकने वाला

ब्रिटेन में चुनाव लड़ेंगे इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर

T20 World Cup : इस वजह से नहीं बना सके रिंकू सिंह टीम में जगह

IPL 2024 : हर्षित राणा पर लगा बैन, हरकत वापस दोहराने की मिली सजा

T20 World Cup : रिंकू सिंह का क्या था कसूर? हार्दिक पर क्यों मेहरबान चयनकर्ता?

IPL 2024 MI vs LSG: लखनऊ ने मुबंई को 4 विकेटों से हराया

अगला लेख