नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के ट्वंटी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों हार झेलकर बाहर हो जाने के बाद टीम में विभाजन की बातें सामने आ रही हैं और अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज को सेमीफाइनल में अंतिम एकादश से बाहर रखने का मामला तूल पकड़ गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का प्रशासन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इस मामले में सख्त रूख अख्तियार करते हुए मिताली की टूर्नामेंट के दौरान फिटनेस पर रिपोर्ट मांगी है। सेमीफाइनल से पहले मिताली को उनके घुटने की चोट से फिट घोषित किया गया था लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया था।
भारतीय टीम के सेमीफाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन और अपने अंतिम आठ विकेट मात्र 23 रन जोड़कर गंवाने के बाद यह सवाल उठ गया है कि इस महत्वपूर्ण मुकाबले में मिताली जैसी अनुभवी बल्लेबाज को एकादश में शामिल क्यों नहीं किया गया।
मिताली को एकादश से बाहर रखने पर उनकी मैनेजर अनीशा गुप्ता ने भी भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें अपरिपक्व, झूठी और चालाक तक बता डाला था। इस मामले में विवाद बढ़ाते देख सीओए को आखिर हस्तक्षेप करना पद गया है और उसने मिताली की फिटनेस को लेकर रिपोर्ट मांग ली है।