चंडीगढ़ से चकदा तक महिला क्रिकेटरों के लिए खुशी की लहर, हारने का गम

Webdunia
सोमवार, 24 जुलाई 2017 (19:05 IST)
नई दिल्ली/कोलकाता/चंडीगढ़/हैदराबाद। भारतीय महिला विश्व कप टीम को फाइनल में इंग्लैंड से मिली हार की निराशा पूरे देश में महसूस की जा सकती है, लेकिन खिलाड़ियों के परिवारों को उन सभी पर गर्व है, जिन्होंने टूर्नामेंट के दौरान शानदार खेल दिखाया।
 
मिताली राज एंड कंपनी विश्व कप खिताबी जीत से महज नौ रन से चूक गई। पूरे भारत में उनके परिवार टीवी स्क्रीन पर नजरें लगाए थे, जब लार्ड्रस पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने फाइनल में 10 ओवरों में तीन मेडन से 23 रन देकर तीन विकेट झटके, उनके घर में इस शिकस्त के बाद शांति छाई हुई है।
 
झूलन की छोटी बहन झुम्पा ने कोलकाता से 70 किमी दूर नादिया में चकदा स्थित घर से कहा, हम सभी ने चुप्पी साध ली है। पापा और मम्मी ने मौन साध लिया है। उन्होंने कहा, हमने उन्‍हें अभी तक फोन नहीं किया है। पूरे चकदा में जश्न मनाने की योजना थी। लालपुर में रामकृष्ण मंदिर के पास करीब 800 लोग एकत्रित हो गए थे। क्लब ने एक बड़ी स्क्रीन भी लगाई थी। हालांकि उन्हें अपनी बहन के प्रदर्शन पर गर्व है। 
 
उन्होंने कहा, मैच में काफी दबाव था। उन्‍होंने अपनी गेंदबाजी में अच्छा काम किया। पुछल्ले बल्लेबाजों से उम्मीद करना उचित नहीं है, बल्लेबाजों को अंत तक पहुंचाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि हार के बाद वह और उनकी मां झरना रोने लगे। झरना ने कहा, उनकी अच्छी गेंदबाजी खराब चली गई।  
 
उन्होंने कहा, किसी ने भी उनके इतनी दूर तक पहुंचने की उम्मीद नहीं की थी। हर कोई कह रहा था, यह शानदार प्रदर्शन है। उन्होंने भले ही खिताब नहीं जीता हो लेकिन उन्होंने महिला क्रिकेट की दिशा के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। निश्चित रूप से अब भविष्य उज्जवल है और उम्मीद है कि वह अगली बार खिताब जीत पाएंगी।
 
इसी तरह से हरमनप्रीत कौर के घर का मूड भी इसी तरह था, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 171 रन की पारी खेलकर सुर्खियों में आई थीं। हार के बाद मोगा स्थित उनके घर में बड़े जश्न की योजना भी रूक गई। परिवार के सदस्य टीवी सेट से चिपके थे और उम्मीद लगाए थे कि निचले क्रम की बल्लेबाज भारत को जीत के स्कोर तक पहुंचाने में मदद करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
 
उनकी बहन हेमजीत हालांकि खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खुश थीं, हालांकि उनके पिता हरमंदर संयमित रहे, उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी की उपलब्धि पर गर्व है। हरमंदर सिंह ने कहा, हमें अपनी बेटियों पर गर्व है, वे महिला क्रिकेट को यहां तक लाई हैं। उन्होंने कहा, यहां तक कि उप विजेता बनने से भी देश में महिला क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा।  
 
इस क्रिकेटर की मां ने कहा, टीम ने अच्छी चुनौती पेश की लेकिन आज यह कठिन मुकाबला साबित हुआ। हम फाइनल में पहुंचे, यह भी कोई कम उपलब्धि नहीं है। हेमजीत ने अपने घर में कहा, हमें उम्मीद थी कि हम खिताब जीत लेंगे, लेकिन अब वे उप विजेता रहीं। महिला क्रिकेट में इस लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं है, ऐसा क्रिकेट में होता है और इसके बारे में निराश होने की कोई जरूरत नहीं है।  
 
हैदराबाद में कप्तान मिताली राज के कोच आरएसआर मूर्ति ने संतोष व्यक्त किया कि भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और उनसे बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर, यह शानदार था। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में पहुंचना शानदार था। अगर वे कप जीत लेती तो यह महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए चमत्कार की तरह होता। हालांकि वह टीम के फाइनल में हारने से निराश थे। 
 
उन्होंने कहा, 228 रन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता था। भारतीय महिलाएं अच्छी स्थिति में थीं। वेदा कृष्णमूर्ति का विकेट ‘टर्निंग प्वाइंट’ रहा। हमने विकेट गंवा दिए। निश्चित रूप से हमने अच्छी गेंदबाजी और अच्छा क्षेत्ररक्षण किया। (भाषा)
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