नई दिल्ली:भारत की टेस्ट और वनडे कप्तान मिताली राज के अंतरराष्ट्रीय भविष्य को लेकर अटकलों का दौर जारी है लेकिन वह 18 अप्रैल से शुरू होने वाली महिला सीनियर टी20 ट्राफी में रेलवे का प्रतिनिधित्व करेंगी जो महिला विश्व कप के बाद उनकी पहली प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिता होगी।
पिछले महीने न्यूजीलैंड में भारतीय टीम के विश्व कप के शुरूआती चरण में बाहर होने के बाद मिताली और झूलन गोस्वामी का भविष्य चर्चा का विर्षय बना हुआ है।
झूलन जहां विश्व कप के दौरान लगी चोट से उबर रही हैं तो मिताली रेलवे की टीम में अगली पीढ़ी की खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करेंगी। दोनों ही 39 वर्ष की हैं और अपने करियर के अंतिम पड़ाव में हैं।
बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, मिताली युवा खिलाड़ियों के मार्गदर्शन के लिये टीम में होंगी। सीनियर खिलाड़ी के तौर पर वह अपनी भूमिका अच्छी तरह समझती हैं। वैसे भी वह जब राष्ट्रीय टीम के साथ नहीं होती तो वह घरेलू प्रतियोगितायें कभी नहीं छोड़तीं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा रन जुटाने वाली मिताली ने पिछले साल रेलवे की अगुआई करते हुए टी20 प्रतियोगिता की ट्राफी दिलायी थी। उनका अंतरराष्ट्रीय टी20 करियर 2019 में खत्म हुआ था।
जहां तक उनके वनडे और टेस्ट भविष्य का सवाल है तो सूत्र ने कहा, निकट भविष्य में कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला जाना है। उनके पास अपने भविष्य के बारे में सोचने के लिये काफी समय है।
भारतीय टीम का पुष्ट अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट सितंबर में है जब उन्हें इंग्लैंड में तीन टी20 और इतने ही वनडे खेलने हैं।
एक साल पहले ही कर दी थी विश्वकप के बाद संन्यास की घोषणा
मिताली राज ने अपने दो दशक से लंबे करियर की समाप्ति का संकेत देते हुए 24 अप्रैल 2021 को कहा था, “ मैं जानती हूं कि 2022 में न्यूजीलैंड में आयोजित वनडे विश्व कप मेरे 21 साल लंबे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। मेरे करियर का आखिरी साल मेरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 20 साल के बराबर था। ”
भारतीय कप्तान ने वर्चुअल रूप से पुस्तक विमोचन के दौरान कहा था, “ मुझे पता है कि हम मुश्किल समय में हैं, लेकिन मुझे अपनी फिटनेस पर काम करते रहने के लिए बहुत समय लगता है। मैं अब युवा नहीं रही हूं और मुझे फिटनेस का महत्व पता है। एक अच्छे भावनात्मक और मानसिक संतुलन में रहना महत्वपूर्ण है, यह जानते हुए कि हमारे पास विश्व कप से पहले बहुत कम दौरे होंगे। अब से मेरे लिए हर दौरा एक बल्लेबाज के रूप में महत्वपूर्ण है। इससे मुझे यह समझने में मदद मिलेगी कि मैं किस तरह से विश्व कप के लिए एक बेहतर टीम तैयार करूं। हां, मैं आशावादी हूं।