सेंचुरियन:सेंचुरियन में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ रविवार से होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए भारतीय एकादश में लोकेश राहुल, मयंक अग्रवाल, विराट कोहली, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह का नाम तय है, वहीं चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन और मोहम्मद शमी भी जगह बनाते हुए नज़र आ रहे हैं। लेकिन अन्य तीन नामों का चुनाव करना भारत के लिए बहुत मुश्किल होने जा रहा है।
बॉक्सिंग डे टेस्ट में 5 गेंदबाजों के साथ ही उतरता है भारत
पिछले साल के बॉक्सिंग डे टेस्ट से भारत ने कुल 15 टेस्ट मैच खेले हैं और इन सभी 15 टेस्ट में उन्होंने अंतिम एकादश में पांच गेंदबाज़ों को जगह दी है। हालांकि इन 15 में से 13 टेस्ट मैचों में रवींद्र जाडेजा और वाशिंगटन सुंदर खेले हैं, जो कि एक बेहतर बल्लेबाज़ या कहें बल्लेबाज़ी आलराउंडर हैं। इन दोनों में से कोई भी दक्षिण अफ़्रीका जाने वाले दल में शामिल नहीं है, इसलिए भारत के लिए वही टीम संयोजन बिठाना मुश्किल साबित हो सकता है।
हालांकि पिछले साल अश्विन एक बेहतर बल्लेबाज़ के रूप में उभरे हैं। 2017 से 2020 तक उनका बल्लेबाज़ी औसत सिर्फ़ 16.72 था। इस दौरान उनके नाम 39 पारियों में सिर्फ़ एक अर्धशतक दर्ज था। लेकिन 2021 में उनमें काफ़ी सुधार हुआ है। इस दौरान उन्होंने 28.08 के बेहतर औसत से रन बनाए हैं, जिसमें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चेन्नई में एक शतक के अलावा कई उपयोगी पारियां भी शामिल हैं।
सिडनी में उन्होंने मैच बचाने के लिए 190 मिनट तक बल्लेबाज़ी की थी, वहीं विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में भी उन्होंने 27 गेंदों में 22 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हालिया सीरीज़ के कानपुर टेस्ट में भी उन्होंने दोनों पारियों में 30 से अधिक रन बनाए थे।
अश्विन के साथ भारत शार्दुल ठाकुर को खिलाता है, तो उनके पास नंबर आठ तक बल्लेबाज़ भी हो जाएंगे और पांच गेंदबाज़ों का संयोजन भी बना रहेगा। शार्दुल के नाम चार टेस्ट में तीन अर्धशतक हैं।
रहाणे, विहारी और अय्यर हनुमा विहारी के विदेश में रिकॉर्ड और श्रेयस अय्यर के शानदार डेब्यू के बाद मध्य क्रम में भारत के लिए चयन चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि यह एक मीठा सरदर्द है, जिसे भारत हमेशा से चाहता रहा है। अब उनके पास मध्यक्रम में भी चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्या रहाणे के अलावा भी बल्लेबाज़ी के विकल्प हैं। पिछले साल मेलबॉर्न में शतक जमाने के बाद रहाणे ने 12 टेस्ट मैचों में सिर्फ़ 19.57 की औसत से रन बनाए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में 61 रन की शानदार पारी खेली थी, लेकिन उसके बाद उनका स्कोर सिर्फ़ 18, 10, 14, 0, 35 और 4 का रहा है।
भारत के पिछले दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर भी रहाणे को शुरुआती दो टेस्ट में खेलने के मौक़े नहीं मिले थे, जबकि तब उनका फ़ॉर्म भी आज जैसा नहीं था। अगर कोहली और नया कोचिंग स्टाफ़ कठिन निर्णय लेने की क्षमता रखता है, तो भारत नंबर पांच पर विहारी या अय्यर में से किसी एक को जगह दे सकता है। इसके बाद नंबर छह पर ऋषभ पंत आएंगे और फिर पांच गेंदबाज़ों को भी खिलाने का विकल्प खुल सकता है। एक विकल्प यह भी है कि भारत कम आक्रामक रूख़ अपनाते हुए विहारी और अय्यर दोनों को खिलाए और सिर्फ़ चार गेंदबाजों के साथ ही उतरे।
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल हारने के बाद भारत ने इंग्लैंड दौरे पर अपनी रणनीति में परिवर्तन लाया और चार तेज़ गेंदबाज़ों और जडेजा के साथ उतरे। इस वज़ह से अश्विन को लगातार चार टेस्ट मैचों में बाहर बैठना पड़ा।दक्षिण अफ़्रीका की तेज़ और उछाल भरी पिचों पर भी इंग्लैंड की तरह भारत चार तेज़ गेंदबाज़ों के साथ उतर सकता है। इसमें जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी का नाम तय है, वहीं बल्लेबाज़ी क्षमताओं के कारण शार्दुल ठाकुर भी जगह बनाते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में चौथे तेज़ गेंदबाज़ी विकल्प के लिए सीधी लड़ाई इशांत शर्मा और मोहम्मद सिराज के बीच है।
इशांत शर्मा का प्रदर्शन ढलान पर
2018 से इशांत शर्मा ने 26 टेस्ट मैचों में 21.37 की औसत से 85 विकेट लिए हैं, लेकिन 2021 उनके लिए उतना कुछ ख़ास नहीं गया है। इस साल उनके नाम आठ टेस्ट में 32.71 की औसत से सिर्फ़ 14 विकेट ही दर्ज हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स में उन्होंने पांच विकेट ज़रूर लिए और भारत को एक महत्वपूर्ण टेस्ट जीत दिलाई, लेकिन हेडिंग्ले के अगले मैच में ही वह रंग में नहीं दिखे और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ कानपुर टेस्ट में भी उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला।
सिराज ने विदेशों में किया है प्रभावित
हालांकि इससे उनके अनुभव को ख़ारिज नहीं किया जा सकता और भारतीय टीम प्रबंधन नेट्स में उन पर क़रीबी नज़र रख रही होगी। अगर वह नेट्स में लय में नज़र आते हैं, तो उन्हें अंतिम एकादश में भी मौक़ा दिया जा सकता है। उन्हें इसके लिए मोहम्मद सिराज से कठिन चुनौती मिलेगी, जिन्होंने 10 टेस्ट मैचों के अपने छोटे से करियर में ही अपना स्थान टीम इंडिया में लगभग पक्का कर लिया है। मुंबई में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट में नई गेंद से तीन विकेट लेकर उन्होंने अपने स्थान को और मजबूत कर दिया है। वह एक आक्रामक गेंदबाज़ हैं, जो अपनी सटीक लाइन और लेंथ से किसी भी पिच पर गलतियां करने को मजबूर कर देते हैं।
सिराज ने अब तक टेस्ट क्रिकेट में 260 ओवर डाले हैं और 837 रन दिए हैं। लेकिन उन्होंने 29 की औसत के साथ 28 विकेट झटके हैं। पहले ऑस्ट्रेलिया फिर इंग्लैंड और अब दक्षिण अफ्रीका में टीम उनसे कमाल की उम्मीद कर रही है। ऐसे में यह टीम प्रबंधन को एक कठिन निर्णय लेना होगा कि वह इशांत के अनुभव या सिराज की आक्रमकता में किसको अधिक महत्व देती है?