33 साल पहले न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था, कानपुर से बेहतर मौका शायद ही मिले

Webdunia
बुधवार, 24 नवंबर 2021 (18:16 IST)
विश्व टेस्ट चैंपियन न्य़ूजीलैंड भले ही टेस्ट क्रिकेट का सरताज हो लेकिन भारत में उसका टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। इसका अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकात है कि उसको भारतीय जमीन पर टेस्ट क्रिकेट में उसको आखिरी बार जीत 33 साल पहले मिली थी।

सिर्फ 2 टेस्ट जीत चुका है न्यूजीलैंड

भारत में न्यूजीलैंड ने कुल 34 टेस्ट खेले हैं और उनमें से सिर्फ 1 टेस्ट में न्यूजीलैंड टीम ने जीत दर्ज की है। वहीं भारत ने 16 टेस्ट जीते हैं और 16 ड्रॉ हुए हैं।

न्यूजीलैंड ने आखिरी बार साल 1988 में भारत में जीत हासिल की थी। न्यूजीलैंड का जीत प्रतिशत भी भारत में सिर्फ 6 प्रतिशत है। घर में तो न्यूजीलैंड जीत लेती है लेकिन भारत आने पर वह आत्मसमर्पण कर देती है।

भारत में पिछले 6 टेस्ट में हार चुकी है न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड भारत में खेले अपने पिछले 6 टेस्ट हार चुकी है। उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड टीम ने आखिरी बार 2016 भारतीय दौरे पर भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली थी, जिसमें अश्विन (27 विकेट) और जडेजा (14 विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को 3-0 से क्लीन स्वीप किया था।

 इससे पहले साल 2012 के दौरे पर कीवी टीम 2 टेस्ट मैच हारी थी। वहीं साल 2010 में दो टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद कीवी टीम तीसरे टेस्ट में भारत से पारी से हार गई थी।

जीत के लिए कानपुर से बेहतर मौका शायद ही मिले

ग्रीन पार्क में होने पहले टेस्ट में भारतीय टीम विराट कोहली, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह ,मोहम्मद शमी और लोकेश राहुल जैसे दिग्गजों के बिना घरेलू सीरीज़ खेलेगी। इससे गुरुवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट में कई नए संयोजन देखने को मिल सकते हैं।

भारतीय बल्लेबाजी क्रम में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे बड़े नाम है लेकिन उनका फॉर्म अभी सही नहीं है। ऐसे में न्यूजीलैंड के स्पिन गेंदबाजों के पास मौका रहेगा।

वहीं अगर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज स्पिन को थोड़ा बहुत बेहतर खेल सकते हैं तो टीम 33 साल पुराना इंतजार खत्म कर सकती है। भारत में जीत दर्ज करने का कानपुर से बेहतर मौका न्यूजीलैंड टीम को शायद ही मिले।वैसे तो यह मौका मुंबई में भी मिलेगा लेकिन विराट कोहली उस मैच में वापस आ जाएंगे तो शायद भारतीय बल्लेबाजी क्रम थोड़ा बेहतर हो जाए।

भारतीय स्पिनरों को केन विलियम्सन मानते हैं बड़ी चुनौती

न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन का मानना है कि भारत के खिलाफ 25 नवंबर से शुरू हाे रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज में उनकी टीम के सामने स्पिन गेंदबाजी कड़ी चुनौती होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके खिलाड़ी इसके लिए जितनी अच्छी तैयारी कर सकते हैं, कर रहे हैं।

विलियम्सन ने मैच की पूर्वसंध्या पर बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ कैंप में पहले टेस्ट मैच को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। हमारी टीम को भारतीय स्पिनर्स को खेलने के लिए एक अलग तरीका अपनाने की जरूरत है। हम भारतीय स्पिन गेंदबाजों की ताकत को जानते हैं। उन्होंने यहां लंबे समय से शानदार गेंदबाजी की है। हमारे लिए एक अलग तरीके से खेलना सही होगा। साथ ही स्कोर करना और साझेदारी का निर्माण करना बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। ”

न्यूजीलैंड के कप्तान ने कहा, “ सभी खिलाड़ी अलग हैं, इसलिए उनके तरीके एक-दूसरे से थोड़े अलग होंगे, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ चुनौतियों के लिए जितना संभव हो सके कोशिश करने और तैयारी करने की जरूरत है। हम जानते हैं कि हम उन्हें खेलने जा रहे हैं। अश्विन और जडेजा को घरेलू परिस्थितियों में मिली सफलता को देखते हुए मुझे लगता है कि ये दोनों खिलाड़ी सीरीज के नतीजे में निर्णायक भूमिका निभाएंगे, क्योंकि उन्होंने घरेलू परिस्थितियों में बेहतरीन गेंदबाजी की है। मुझे यकीन है कि पूरी सीरीज में स्पिनर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, हालांकि मुझे लगता है कि कानपुर का मैदान थोड़ा अलग है और हम यहां 2016 में आखिरी मैच में खेले थे, इसलिए परिस्थितियों को जल्द से जल्द समझना हमारे लिए अच्छा होगा। ”

विलियम्सन ने भारतीय परिस्थितियों में स्पिनर्स को मिलने वाली मदद को बल्लेबाजों के लिए बड़ी चुनौतियों में से एक बताया है। उन्होंने कहा, “ हम गेम प्लान के साथ जाने की कोशिश करेंगे, ताकि स्कोर करने के दौरान इस पर अमल किया जा सके, जिससे हमें खेलने में मदद मिलेगी। पहले यहां कई टीमें आई हैं और उन्होंने इसी तरह की चुनौतियों का सामना किया है, इसलिए उम्मीद है कि हमें भी पूरी सीरीज में स्पिन का सामना करना होगा। इसके लिए खिलाड़ी हर तरह की तैयारी करने का प्रयास कर रहे हैं और उस चुनौती का इंतजार कर रहे हैं। ” विलियम्सन ने इस बात को नकारा है कि विराट कोहली), रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में उन्हें टेस्ट सीरीज जीतने में आसानी होगी।

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