केप टाउन: विराट कोहली और उनकी टीम के साथियों से आईसीसी मैच अधिकारियों ने न्यूलैंड्स टेस्ट के तीसरे दिन डीआरएस में फील्ड अंपायर के फै़सले को बदलने के बाद हुए घटनाक्रम के बारे में बात की है। हालांकि इस बाबत किसी भी खिलाड़ी पर कोई औपचारिक आरोप नहीं लगाया गया है।
क्रिकइंफ़ो समझता है कि तीसरे दिन डीन एल्गर के आउट करार दिए जाने के फ़ैसले को डीआरएस के द्वारा पलटने के बाद आईसीसी के मैच अधिकारियों ने भारतीय टीम प्रबंधन के साथ उनके आचरण के बारे में उन्हें आगाह किया था, लेकिन भारत के ख़िलाफ़ कोई अधिकारिक आचार संहिता उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया था।
प्रेस कॉंफ्रेस में DRS विवाद पर नहीं बोले कोहली
तीसरे टेस्ट के बाद की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कोहली ने ख़ुद कहा था कि तीसरे दिन डीआरएस मामले में स्टंप माइक के पास उन्होंने और उनके खिलाड़ियो ने जो कुछ भी कहा, उसके बारे में वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हालांकि उस दौरान यह देखा गया था कि कई भारतीय खिलाड़ियों ने स्टंप माइक के पास आकर उस फ़ैसले के बारे में मैच के ब्रॉडकास्टर सुपरस्पोर्ट को संबोधित करते हुए कुछ कहा था। हालांकि विराट ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उस घटना के बाद आवेश में आकर उनकी टीम ने साउथ अफ़्रीकी टीम को कोई फ़ायदा पहुंचाया।
कोहली ने कहा "हम समझ गए थे कि मैदान पर उस वक़्त क्या हुआ, और बाहर के लोगों को मैदान में क्या हो रहा है, इसका सटीक विवरण नहीं पता है। इसलिए मैदान पर हमने जो किया उसे सही या ग़लत ठहराने की कोशिश करना उचित नहीं है।"
कोहली ने आगे कहा "अगर हम ज़्यादा जोश के साथ खेलते और उस वक़्त तीन विकेट ले लेते, तो शायद यही वह क्षण होता जो खेल को बदल सकता था। वास्तविकता यह है कि हमने दक्षिण अफ़्रीका पर लंबे समय तक पर्याप्त दबाव नहीं डाला। इसलिए हम यह मैच हार गए। जब कोई बात विवाद में बदलने लगती है तो कई लोगों के लिए वह रोमांचक और मजे़दार हो जाता है। ईमानदारी से मुझे कोई भी विवाद खड़ा करना अच्छा नहीं लगता। मुझे इसमें बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं है। मैदान पर वह एक ऐसा क्षण था जो बीत गया और हम इससे आगे बढ़े और बस खेल पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकेट लेने की कोशिश करते रहे।"
कैसे हुआ DRS विवाद ?
तीसरे दिन के खेल के अंतिम सत्र में एल्गर को मैदान पर रविचंद्रन अश्विन की एक गेंद पर फ़ील्ड अंपायर के द्वारा एलबीडब्ल्यू घोषित कर दिया गया था। एल्गर ने अंपायर के इस फ़ैसले के ख़िलाफ रिव्यू लेने का निर्णय लिया। इसके बाद हॉक आई में यह दिखाया गया कि गेंद विकेट के ऊपर से चली जाती, जिसके कारण अंपायर को अपना फ़ैसला वापस लेना पड़ा। इस फै़सले के बाद कई भारतीय खिलाड़ियों ने नाराज़गी जताई, जिसमें स्पष्ट रूप से नाराज़ दिख रहे कोहली स्टंप माइक के पास गए और सुपरस्पोर्ट को संबोधित करते हुए कहा "जब आपकी टीम गेंद को चमकाती है, तब भी ध्यान दिया करो, सिर्फ़ विपक्षी टीम पर नहीं। हमेशा लोगों को पकड़ने की कोशिश मत किया करो।"
सिर्फ़ कोहली अकेले नहीं थे। टीम के उपकप्तान लोकेश राहुल ने कहा, "पूरा देश 11 खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ है।" वहीं अश्विन ने कहा, "सुपरस्पोर्ट, आपको जीतने के लिए कुछ और उपाय अपनाने चाहिए।"
21 ओवर में यह घटना हुई। उस वक़्त एल्गर 22 रन बना कर खेल रहे थे और टीम का स्कोर 1 विकेट के नुक़सान पर 60 रन था। भारतीय खिलाड़ी अकेले नहीं थे जो इस बात से सहमत नहीं थे। जैसे ही तीसरे अंपायर ने फ़ील्ड अंपायर मराय इरासमस के फ़ैसले को ग़लत ठहराया इरासमस को भी अपना सिर हिलाते हुए देखा जा सकता था और उन्हें यह कहते हुए सुना गया, "यह असंभव है"।
दक्षिण अफ़्रीका ने उस ओवर की समाप्ति के बाद, अगले छह ओवरों में बाउंड्री की झड़ी लगा दी और 35 रन बनाए। हालांकि एल्गर अंततः दिन की आख़िरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह की गेंद पर आउट हुए।
हालांकि यह निर्णय भी भारतीय टीम को डीआरएस के कारण ही मिला। एल्गर ने बुमराह की लेग साइड की एक गेंद को सीमा पार भेजने की कोशिश में अपना बल्ला लगा दिया। टीम इंडिया की अपील के बावजूद अंपायर ने उंगली नहीं उठाई। स्निकोमीटर में साफ दिखा कि गेंद ने एल्गर के बल्ले का किनारा लिया है।