नई दिल्ली: भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान डीआरएस के फैसले के खिलाफ विराट कोहली की प्रतिक्रिया अपरिपक्व थी और इतनी अतिरंजित प्रतिक्रया से भारतीय कप्तान कभी युवाओं के रोल मॉडल नहीं बन सकेंगे।
कोहली, उपकप्तान केएल राहुल और आफ स्पिनर आर अश्विन ने विरोधी कप्तान डीन एल्गर को पगबाधा आउट नहीं देने के डीआरएस के विवादित फैसले के बाद अंपायरिंग और तकनीक को लेकर स्टम्प माइक पर अपमानजनक टिप्प्णियां की।
गंभीर ने स्टार स्पोटर्स से कहा , यह बहुत बुरा था। स्टम्प माइक के पास जाकर कोहली ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, वह अपरिपक्व था। एक अंतरराष्ट्रीय कप्तान , एक भारतीय कप्तान से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि पहले टेस्ट में मयंक अग्रवाल को भी इस तरह से जीवनदान मिला था लेकिन दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ने ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दी।
उन्होंने कहा , तकनीक आपके हाथ में नहीं है। मयंक अग्रवाल के मामले में ऐसा लग रहा था कि वह आउट है लेकिन एल्गर ने उस तरह से प्रतिक्रिया नहीं दी।
गंभीर ने कहा , आप भले ही कहें कि वह जज्बाती खिलाड़ी है लेकिन इस तरह की प्रतिक्रिया अतिरंजित है। ऐसे में आप रोल मॉडल नहीं बन सकते। कोई उदीयमान क्रिकेटर इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देखना चाहेगा, खासकर भारतीय कप्तान से।
उन्होंने कहा , इस टेस्ट मैच का नतीजा कुछ भी हो लेकिन इतने लंबे समय से टीम की कप्तानी कर रहे टेस्ट कप्तान से ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती। उम्मीद है कि राहुल द्रविड़ उनसे बात करेंगे क्योंकि द्रविड़ जिस तरह के कप्तान थे, वह कभी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देते।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज डेरिल कुलीनन ने भी कोहली की निंदा करते हुए कहा , वह हमेशा से ऐसा करता आया है ।वह मनमाना बर्ताव करता है। बाकी क्रिकेट जगत उसके आगे नतमस्तक हो जाता है। भारत महाशक्ति है। ऐसा बरसो से होता आ रहा है। भारतीयों को कोई छू नहीं सकता सो सभी हंसी में टाल देते हैं।
उन्होंने कहा, मुझे विराट कोहली पसंद है। उनका खेल पसंद है लेकिन आचरण की कोई मर्यादा होनी चाहिये। वह लंबे समय से ऐसा बर्ताव करता आया है जो क्रिकेट के मैदान पर अस्वीकार्य है। लेकिन वह कोहली है और मुझे यह पसंद नहीं है। उसे दंड मिलना चाहिये। (भाषा)