मुंबई: लंबे समय से भारत के लिए सिर्फ 1 फॉर्मेट में ही गेंदबाजी करने वाले ईशांत शर्मा ने पिछले चार टेस्ट में 109 . 2 ओवर डालकर सिर्फ 8 विकेट लिये हैं। मौजूदा भारतीय टीम में सौ टेस्ट खेल चुके एकमात्र खिलाड़ी ईशांत इंग्लैंड दौरे पर नाकाम रहे और न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में पहले टेस्ट में भी एक भी विकेट नहीं ले सके।
इसके कारण मोहम्मद सिराज की जगह क्रिकेट फैंस को पक्की होती हुई दिख रही है। जिन्होंने इंग्लैंड दौरे पर कमाल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने पिछले 4 टेस्ट में 126.5 गेंद डालकर 14 विकेट निकाले हैं। हो सकता है कि मुंबई टेस्ट में सिराज को मौका मिल भी जाए लेकिन गेंदबाजी कोच का सोचना कुछ और है।
भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने बुधवार को कहा कि ईशांत शर्मा की लय पर ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाने से असर पड़ा है और कुछ टेस्ट मैच खेलकर वह फिर चिर परिचित फॉर्म में नजर आयेंगे।म्हाम्ब्रे ने कहा , ईशांत ने लंबे समय से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। वह आईपीएल नहीं खेलते और ना ही टी20 विश्व कप खेला। इतने लंबे ब्रेक का असर पड़ा है।
आईपीएल के दूसरे चरण में उन्हें दिल्ली कैपिटल्स के लिये खेलने का मौका नहीं मिला। उन्हें टी20 विश्व कप के लिये भी नहीं चुना गया था।म्हाम्ब्रे ने कहा , हम उसकी लय पर काम कर रहे हैं और हमें इसकी जानकारी है। मुझे यकीन है कि कुछ मैचों के बाद वह लय हासिल कर लेगा।
तीन सौ से अधिक टेस्ट विकेट ले चुके ईशांत का काम विरोधी टीम के विकेट लेना ही नहीं बल्कि मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे युवा तेज गेंदबाजों का मार्गदर्शन करना भी है।म्हाम्ब्रे ने कहा , उसके पास अपार अनुभव है और ड्रेसिंग रूम में उसके होने से काफी फर्क पड़ता है। युवा तेज गेंदबाज उससे तेज गेंदबाजी की बारीकियां सीख सकते हैं। इससे काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम की पिच से मिलने वाले उछाल और बारिश के मौसम की नमी से मिलने वाली स्विंग के कारण क्या मोहम्मद सिराज को मौका दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कानपुर की सपाट पिच पर उमेश यादव के प्रदर्शन से वह खुश हैं। उन्होंने कहा , दूसरी पारी में उमेश के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। उसने एक स्पैल में केन विलियमसन को काफी परेशान किया। उस पर यह खास प्रदर्शन था और उसने अपनी ओर से पूरी कोशिश की।
भारतीय गेंदबाजों के पास न्यूजीलैंड की आखिरी जोड़ी रचिन रविंद्र और ऐजाज पटेल को तोड़ने के लिये 52 गेंद थी लेकिन वे कामयाब नहीं हुए।म्हाम्ब्रे ने उनका बचाव करते हुए कहा कि किसी और पिच पर थोड़ा औश्र उछाल रहता तो आखिरी घंटे में सिली प्वाइंट और फॉरवर्ड शॉर्ट लेग अहम हो जाते जहां यह सिर्फ एक गेंद की बात होती।
उन्होंने कहा , हम जीत नहीं सके लेकिन पिछले मैच में बहुत कुछ सकारात्मक रहा। उस पिच पर 19 विकेट लेना आसान नहीं था।चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के खराब फॉर्म के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा , उनके पास अपार अनुभव है और उन्होंने काफी क्रिकेट खेला है। एक टीम के रूप में हम जानते हैं कि उन्हें लय में लौटने के लिये एक पारी की जरूरत है।हम सभी उनके साथ हैं।