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पदार्पण पर शतक जड़कर 18 साल के पृथ्वी शॉ ने लगाई रिकॉर्डों की झड़ी

हमें फॉलो करें पदार्पण पर शतक जड़कर 18 साल के पृथ्वी शॉ ने लगाई रिकॉर्डों की झड़ी
राजकोट , गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018 (18:55 IST)
राजकोट। क्रीज पर उतरते ही कुछ नए रिकॉर्ड अपने नाम लिखवाने वाले युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने गुरुवार को यहां वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के शुरुआती दिन शतक जड़कर कई रिकॉर्ड अपने नाम लिखे।


शॉ अपने पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले 15वें भारतीय बल्लेबाज हैं लेकिन उन्होंने 18 साल 329 दिन में यह उपलब्धि हासिल की जो कि भारतीय रिकॉर्ड है। यही नहीं वह सचिन तेंदुलकर (17 साल 112 दिन) के बाद टेस्ट मैचों में सैकड़ा पूरा करने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज भी बन गए हैं।

शॉ अपने पदार्पण पर शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाजों की सूची में चौथे नंबर पर काबिज हो गए हैं। बांग्लादेश के मोहम्म्द अशरफुल और जिम्बाब्वे के हैमिल्टन मास्कादजा ने 18 साल का पूरा होने से पहले यह कारनामा किया था जबकि पाकिस्तान के सलीम मलिक ने जब अपना सैकड़ा जमाया था तो तब उनकी उम्र शॉ की वर्तमान उम्र से छह दिन कम थी।

मुंबई के इस युवा बल्लेबाज ने पारी का आगाज किया। सबसे कम उम्र में पदार्पण पर पारी का आगाज करने का रिकॉर्ड विजय मेहरा के नाम पर है, जिन्होंने 1955 में न्यूजीलैंड के खिलाफ यह गौरव हासिल किया था। वह तब 17 साल 265 दिन के थे।

शॉ ने हालांकि मैच की पहली गेंद का सामना भी किया। हैमिल्टन मास्कादजा, तमीम इकबाल और इमरान फरहत ने शॉ से कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत की बात करें तो शॉ ने बुद्धि कुंदरन का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1959-60 में 20 साल 113 दिन की उम्र में टेस्ट पदार्पण पर मैच की पहली गेंद खेली थी।

शॉ ने 99 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया और इस तरह से टेस्ट पदार्पण पर सबसे तेज सैकड़ा पूरा करने वाले तीसरे बल्लेबाज बने। भारत के ही शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में मोहाली में 85 गेंदों पर और वेस्टइंडीज के ड्वेन स्मिथ ने 2004 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में 93 गेंदों पर शतक पूरा किया था।

शॉ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण पर भी शतक बनाया था। इस तरह से वह प्रथम श्रेणी और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण पर शतक लगाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले भारत के गुंडप्पा विश्वनाथ और ऑस्ट्रेलिया के डर्क वेलहम ने यह उपलब्धि हासिल की थी। वीरेंद्र सहवाग ने भी अपने टेस्ट पदार्पण और प्रथम श्रेणी मैच में अपनी पहली पारी में शतक लगाया था लेकिन यह प्रथम श्रेणी में उनका दूसरा मैच था।

संयोग से शॉ ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच भी इसी मैदान पर खेला था। उन्होंने जनवरी 2017 में मुंबई की तरफ से रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में तमिलनाडु के खिलाफ दूसरी पारी में 120 रन बनाए थे। शॉ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण पर 50 से अधिक रन बनाने वाले पहले भारतीय किशोर बल्लेबाज हैं।

भारत की तरफ से उनसे पहले यह रिकॉर्ड अब्बास अली बेग के नाम पर था, जिन्होंने 1959 में इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड में 20 साल 126 दिन में पदार्पण मैच में पचासा बनाया था। 

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